शाहपुरा-निजी शिक्षण संस्थाओं ने विद्यालय खोलेने की मांग को लेकर शिक्षामंत्री के नाम एक पत्र भेजा। इस सन्दर्भ में तहसील श्रेत्र के निजीशिक्षण संस्थान की बैठक ब्लौक अध्यक्ष विरेन्द्र व्यास की अगुवाई में हुई। जिसमें तहसील श्रेत्र के निजी विद्यालयों के संस्था प्रधानों ने भाग लिया।
विरेन्द्र शर्मा ने बताया कि करोना महामारी के दौरान मार्च माह से सभी विद्यालय बंद है। 5 माह से फीस जमा नही होने से सभी निजी शिक्षण संस्थानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। नि:शुल्क पढऩे वाले विद्यार्थियों की पुनर्भरण की राशि सन 2018-19 व 2019-20 में सरकार द्वारा भी नही दी गई। ऐसे में स्कूलो हालात बिगड़े हुए है। भवन किराया, बिजली के बिल, स्थाई कर्मचारियों को मानदेय का खर्च निकालना बहुत मुश्किल हो रहा है। ऐसे में ऑनलाइन क्लासेज़ पर भी खर्च करना पड रहा है। राजस्थान में 5 स्कूल संचालक अब तक आर्थिक तंगी से परेशान होकर आत्महत्या कर चुके है। बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा करते हुए प्रस्ताव तैयार कर शिक्षामंत्री के नाम पत्र तैयार किया गया। पत्र में संचालकों ने सरकार के नियमों के तहत तथा जारी गाइडलाइन की पालना का भरोसा भी दिलाया। इस वर्ष आरटीई प्रवेश पूर्व प्राथमिक क्लास के स्थान ओर प्रथम क्लास में होंगे जिन अभिभावको के बच्चे 5 से 7 साल के है वो अपने बालकों का प्रवेश निशुल्क सीटों पर करा सकते है । आरटीई स्कूल प्रोफाईल अपडेट में आ रही कठिनाइयों पर भी चर्चा की गई । अंत में शिक्षा मंत्री से विद्यालय खोलने तथा पुनर्भरण की बकाया राशि दिलाने की मांग की।
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