नई आबकारी नीति का विरोध-   कर्मचारियों ने प्रदर्शन पर की संशोधन की मांग

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हनुमानगढ़। नई आबकारी नीति के विरोध में शुगर मिल के कर्मचारी मजदूर एवं विभिन्न यूनियनों की ओर से हनुमानगढ़ स्थिति शुगर मिल के समक्ष प्रदर्शन कर विरोध दर्ज करवाया । प्रदर्शनकारियों की एक ही मांग थी कि नई आबकारी नीति में संशोधन होना चाहिए । उक्त नीति शुगर मिल के हित में नहीं है। वहीं शुगर मिल में काम करने वाले मजदूरों कर्मचारियों अधिकारियों के साथ ही इससे जुड़े हुए किसानों को भी इसका भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। आरएसजीएसएम के सदस्य राजेश शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि चंद अधिकारियों की गुमराह पूर्वक नीति राज्य सरकार के लिए लाखों रुपयों के राजस्व को नुकसान पहुंचाने वाली है । आरएसजीएसएम के सदस्य सुभाष कुमार ने कहा कि 70 वर्ष से यह शुगर मिल राज्य सरकार को निर्धारित आबकारी शुल्क प्रदान कर रही है। आर. एस. जी. एस. एम. के कारण प्राइवेट सप्लायर्स का एकाधिकार भी नहीं रहता, जिससे राज्य सरकार को अपनी नीतियों को आसानी से लागू कराने में सुविधा रहती है। वक्ताओं ने कहा कि इसी कारण मदिरा के मूल्य और उसकी गुणवत्ता पर भी लगाम रहती है। आरएसजीएसएम के सदस्य रोशन कुमार ने बताया कि नई नीति से एक और सार्वजनिक क्षेत्र में संचालित सबसे पुरानी संस्था आर. एस. जी. एस. एम. बंद हो जाएगी। दूसरी ओर प्राइवेट शराब सप्लायर के हाथों में मंदिरा आपूर्ति चले जाने से दाम और गुणवत्ता पर लगाम नही रहेगी। आरएसजीएसएम के प्रबंधक राजेश खुर्सीजा ने आशंका जताई कि नई आबकारी नीति में बिंदु संख्या 10 को लागू किया गया तो जिले में गन्ना उत्पादक किसानों को भारी हानि होगी। आर. एस. जी. एस. एम. के कर्मचारियों के सामने भी रोजगार का संकट उत्पन्न हो जाएगा। आबकारी नीति में गत वर्ष की भांति आर. एस. जी. एस. एम. 100 प्रतिशत रखने की मांग करते हुए कहा कि आर. एस. जी. एस. एम. के मदिरा डिपो में भराई का पूर्व और वर्तमान के अधिकार को आर. एस. जी. एस. एम. द्वारा संचालित ही रखा जाए। उन्होंने कहा कि शुगर मिल को निजी हाथों में देकर नुकसान पहुंचाना कर्मचारी कतई बर्दाश्त नहीं करेगे। उन्होंने कहा कि यदि इस नीति में संशोधन नही किया गया तो आंदोलन उग्र किया जाएगा। इस मौके पर राजेश शर्मा, सुभाष कुमार, रोशन कुमार, राजेश, शमशेर, सूरज, निर्मला, अरुण सोनी, योगेश कुमार, मंजू, मोहिनी व अन्य सदस्य मौजूद थे।

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