हनुमानगढ़। अटल भू जल योजना के तहत एसकेडी विश्वविद्यालय, हनुमानगढ़ में “सही फसल – कृषि में जल उपयोग दक्षता बढ़ाना” विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन दिव्या श्री संस्थान, सीकर द्वारा किया गया, जिसमें किसानों को जल संरक्षण और जल उपयोग दक्षता बढ़ाने के विभिन्न उपायों की जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण के दौरान विषय विशेषज्ञों ने किसानों को जल उपलब्धता के आधार पर कम जल मांग वाली फसलों और उनकी उन्नत किस्मों के चयन के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि फसल चक्र में बदलाव और जल दक्ष कृषि तकनीकों को अपनाकर गिरते भू जल स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है।
प्रशिक्षण के दौरान किसानों को डिग्गी, फार्म पौंड, ड्रिप एवं फव्वारा सिंचाई पद्धति जैसी जल संरक्षण तकनीकों की जानकारी दी गई। इन तकनीकों को अपनाने से कम पानी में अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
इसके अलावा, अटल भू जल योजना के तहत जल संरक्षण गतिविधियों के लिए मिलने वाली प्रोत्साहन राशि के बारे में भी जानकारी प्रदान की गई।
कार्यक्रम में उपस्थित विशेषज्ञों ने कहा कि गिरते भू जल स्तर की समस्या को रोकने के लिए जन सहभागिता आवश्यक है। जब तक किसान और आम नागरिक मिलकर जल संरक्षण की दिशा में कार्य नहीं करेंगे, तब तक इस समस्या का स्थायी समाधान संभव नहीं होगा।
इस अवसर पर जिला नोडल अधिकारी बरकत अली, भू जल विभाग के अधिकारी डॉ. शंकर लाल सोनी, गणपत जी (भू जल विशेषज्ञ, SPMU जयपुर) एवं अन्य विभागीय कर्मचारी उपस्थित रहे। उन्होंने किसानों से जल बचत तकनीकों को अपनाने और जल संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की।
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