हनुमानगढ़। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ द्वारा जिला कलेक्ट्रेट पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर महासंघ के पदाधिकारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर जोरदार नारेबाजी की और मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को मांग पत्र सौंपा।
धरने को संबोधित करते हुए महासंघ के जिला अध्यक्ष चंदरभान ज्याणी ने कर्मचारियों की मांगों को विस्तार से रखा। उन्होंने कहा कि सरकार राजस्थान राज्य के कर्मचारियों के 51 हजार करोड़ रुपये जीपीएफ खातों में जमा करे। इसके साथ ही, पीएफआरडीए अधिनियम को निरस्त करते हुए नई पेंशन योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग की।
ज्याणी ने मंहगाई भत्ते के बढ़ते भार का उल्लेख करते हुए कहा कि यह मूल वेतन के 50 प्रतिशत को पार कर चुका है। ऐसे में सरकार को जल्द से जल्द आठवें वेतन आयोग का गठन करना चाहिए। उन्होंने जनवरी 2019 से जून 2021 तक के मंहगाई भत्ते के एरियर का नकद भुगतान करने की भी मांग की।
कर्मचारी महासंघ ने प्रदेश में स्थाई और पारदर्शी स्थानांतरण नीति लागू करने की मांग की। उन्होंने तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण पर लगी रोक को हटाकर प्रक्रिया शुरू करने की अपील की। इसके अलावा, कर्मचारियों के बीच व्याप्त वेतन विसंगतियों को दूर करते हुए कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों को एरियर का शीघ्र भुगतान करने पर जोर दिया।
महासंघ ने RGIIS के तहत बुनियादी दवाओं और चिकित्सीय परीक्षणों जैसे एक्स-रे, सोनोग्राफी और सीटी स्कैन को शामिल करने और स्वास्थ्य लाभ की सीमा को बढ़ाने की मांग की। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के निजीकरण का विरोध करते हुए उन्होंने रिक्त पदों को नियमित नियुक्तियों से भरने की अपील की।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) की समीक्षा करने और शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करने की मांग की गई। महासंघ ने सभी विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं के विकास पर भी जोर दिया।
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