हनुमानगढ़। एसबीआई ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान हनुमानगढ़ द्वारा राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परियोजना के तहत स्वयं सहायत समूह सदस्यों के लिये कारोबार प्रतिनिधियों के माध्यम से समावेशी बैकिंग के लिये वन जीपी वन बीसी आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आरसेटी निदेशक सी.एस. परमार ने की। कार्यक्रम की शुरूवात सरस्वती वंदना के साथ की गई। समापन कार्यक्रम से पूर्व प्रशिक्षणार्थियों की आॅनलाईन परीक्षा आईआईबीएफ मुम्बई द्वारा ली गई। उक्त परीक्षा में समस्त 19 प्रशिक्षणार्थियों ने अव्वल प्रदर्शन कर शत प्रतिशत सफलता प्राप्त की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्था निदेशक सी.एस. परमार ने बताया कि वन जीपी मतलब एक ग्राम पंचायत एवं वन बीसी मतलब कारोबार प्रतिनिधि है। उन्होने बताया कि इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक ग्राम पंचायत तक बैक की योजनाओं ंसे आमजन को जागरूक करना है जिसके लिये उक्त प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षित किया गया है। उन्होने बताया कि बैक की अनेकों योजनाएं है जो जनकल्याणकारी है परन्तु उन योजनाओं की जानकारी से वंचित रहने के कारण आमजन उसका लाभ नही ले पा रहे जिसके लिये बैक द्वारा विशेष तौर पर उक्त प्रशिक्षण का आयोजन किया गया जिसमें गांवों के बीच में से कुछ महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है जो लोगों को उनकी भाषा के अनुसार सरल रूप से जानकारी उपलब्ध करवाकर उन्हे बैक की योजनाओं का लाभ दिलवायेगे जिससे ग्रामीण क्षेत्र के बैकिंग से वंचित लोगों को बैकिंग का लाभ मिलेगा। ज्ञात रहे कि उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों ने संस्थान में आवासीय प्रशिक्षण प्राप्त किया जिसके दौरान निःशुल्क भोजन व रहने की व्यवस्था की गई। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रशिक्षणार्थियों को निदेशक सी.एस.परमार द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया और सभी उपस्थित लोगों से आह्वान किया कि अपने क्षेत्र के ग्रामीण महिलाओं को आरसेटी के माध्यम से चलाये जा रहे विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जोड़े ताकि वह अपना स्वरोजगार स्वयं कमा सके और सक्षम बन सके। निकट भविष्य में संस्थान में महिलाओं हेतु ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण व वूमेन्स टेलर प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं पुरूषो हेतु बकरीपालन, डेयरी फार्मिग आदि के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जायेगे जिसके लिये रजिस्ट्रैशन जारी है। इस मौके पर अनिल राठौड़, गणेशराम, दीपक कुमार मौजूद थे।
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