गौ राम कथा के छठवें दिवस के राम को हुआ वनवास

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संवाददाता भीलवाड़ा। जहाजपुर के खजूरी में श्री नन्द गौपाल गौशाला के सहयोग हेतु हो रही गौ राम कथा के छठवें दिवस में साध्वी डॉ प्रतिमा दीदी ने भगवान राम के विवाह के बाद सीता जी को विदाई और भगवान राम के अयोध्या आगमन का प्रसंग बताते हुए अयोध्या में हुए मंगल गीत और उत्सवों का वर्णन किया
इसके पश्चात रानी कैकई के कोप भवन में जाने और राजा दशरथ से 2 वचन मांग कर राम को वनवास भेजने का प्रसंग बताया जिस से वह उपस्थित सभी श्रोता भाव विभोर हो उठे। गौ कथा व्यास स्वामी मनुष्य मित्र ने गौ महिमा कहते हुए बताया गौ माता में विभिन्न देवी देवताओं का वास होता है। इसकी सेवा मात्र से मनुष्यों के सारे पाप धुल जाते हैं। साथ ही कहा कि गौ माता के शरीर पर हर दिन 15 से 20 मिनट हाथ फेरने से ब्लड प्रेशर सुबह खाली पेट गौ मूत्र के सेवन से कैंसर जैसी घातक बीमारी दूर हो जाती है। गाय धरती पर एकमात्र ऐसी प्राणी है जो आक्सीजन ग्रहण करती है और आक्सीजन ही छोड़ती है। इसके मूत्र में पोटाशियम, सोडियम, नाइट्रोजन, फॉस्फेट, यूरिया एवं यूरिक एसिड होता है। दूध देते समय गाय के मूत्र में लाक्टोसे की वृद्धि होती है। जो हृदय रोगों के लिए लाभकारी है। गौ माता का दूध शक्तिशाली होता है। उसे कितना भी पीने से मोटापा नहीं बढ़ता तथा स्त्रियों के प्रदर रोग में भी लाभदायक होता है। गौ माता के गोबर के उपले जलने से मक्खी मच्छर आदि कीटाणु नहीं आते तथा दुर्गन्ध का भी नाश होता है। गौ माता के सींग से उन्हें प्राकतिक ऊर्जा मिलती है।

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