प्रशासन शहर-गांव संग अभियान के शिविरों का बहिष्कार कर बैठे धरने पर

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– शिविरों में कार्य न होने से भटकते रहे नागरिक, 15 सूत्री मांगों को लेकर तीन दिन तक जारी रहेगा धरना-प्रदर्शन
हनुमानगढ़। 
पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने, संविदा कर्मचारियों को नियमित करने, वेतन विसंगतियां दूर करने सहित 15 सूत्री मांगों को लेकर अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के बैनर तले जिले भर के उपखण्ड कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारी बुधवार को प्रशासन शहरों एवं गांवों के संग अभियान के शिविरों का बहिष्कार कर धरने पर बैठ गए। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ की प्रांतीय संघर्ष समिति के आह्वान पर कर्मचारी लगातार तीन दिन तक शिविरों का बहिष्कार कर उपखण्ड कार्यालयों पर धरना-प्रदर्शन कर विरोध जताएंगे। जिला मुख्यालय पर भी कर्मचारियों ने महासंघ जिलाध्यक्ष चन्द्रभान ज्याणी के नेतृत्व में जिला कलक्ट्रेट के समक्ष धरना देकर विरोध दर्ज कराते हुए सरकार से मांगें पूरी करने की बात रखी। इस मौके पर जिलाध्यक्ष ज्याणी ने बताया कि महासंघ की प्रांतीय संघर्ष समिति के आह्वान पर जिले के सभी उपखण्डों पर प्रशासन शहरों एवं गांवों के संग अभियान के शिविरों का बहिष्कार कर कर्मचारियों की ओर से धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। महासंघ की ओर से 15 सूत्री मांगपत्र से राजस्थान सरकार को अवगत करवा दिया है। इनमें मुख्य मांग पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने, संविदा कर्मचारियों को नियमित करने, वेतन विसंगतियां दूर करने, 9, 18, 27 की जगह 7, 14, 21, 28, 32 पद का वेतनमान स्वीकृत करने, ठेका प्रथा बंद करने आदि शामिल है। मांगें मनवाने के लिए कर्मचारियों ने विरोधस्वरूप तीन दिन तक धरना-प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि इससे पहले मंगलवार को प्रशासन गांवों एवं शहरों के संग अभियान के तहत लगे शिविरों में भी कर्मचारियों की ओर से काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया गया था। सरकार ने जल्द मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन को तेज किया जाएगा।

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