PM मोदी को 16 सेकंड की ‘जादू की झप्पी’ देकर क्या साबित करना चाहते हैं राहुल गांधी

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नई दिल्ली: मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने राफेल डील, बेरोजगारी और जीएसटी को लेकर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कई ऐसे आरोप भी लगाए जिन पर पीएम मोदी मंद-मंद मुस्कुराते हुए भी नजर आए। इसके बाद सबसे ज्यादा उस बात ने चौंका दिया जिसकी किसी ने आशा नहीं कि थी।

दरअसल, राहुल गांधी ने भाषण खत्म होने के बाद पीएम को गले से लगा लिया। जिसके बाद मोदी ने उनकी पीठ थपथाई। ऐसा नजरा पहली बार संसद में देखा गया। एक अनुमान के मुताबिक ये मिलने का समय 16 सेकंड का रहा। खैर अगर आप संसद में राहुल गांधी का भाषण आज मिस कर चुके हैं तो हम आपको यहां भाषण की मुख्य बातें बता रहें है….

पीएम ने सिर्फ जुमले दिए :
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘सरकार के जुमलों का शिकार इस देश का किसान होता है। आपने बोला कि प्रधानमंत्री के शब्द का मतलब होना चाहिए। यही सवाल पूरा हिंदुस्तान आज पूछ रहा है। जुमला नंबर-1- हर व्यक्ति के बैंक खाते में 15 लाख रुपए आएंगे। जुमला नंबर-2 – दो करोड़ युवाओं को रोजगार मिलेगा। लेकिन हकीकत ये है कि सिर्फ चार लाख लोगों को रोजगार मिला। चीन 50 हजार युवाओं को 24 घंटे में रोजगार देता है। आप 400 युवाओं को ही 24 घंटे में रोजगार दे पाते हैं। ये सच्चाई है आपके जुमलों की।’’

राफेल पर रक्षा मंत्री ने झूठ बोला :
गरीबों और कमजोर लोगों के लिए प्रधानमंत्री के दिल में थोड़ी सी भी जगह नहीं। जब प्रधानमंत्री के मित्र का पुत्र अपनी आमदनी 16 हजार गुना बढ़ाता है तो प्रधानमंत्री के मुंह से एक शब्द नहीं निकलता। यहां रक्षा मंत्री बैठी हैं। उन्होंने कहा था कि वे देश को राफेल हवाई जहाज का दाम बताएंगी। लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि करार के चलते वे दाम नहीं बता सकतीं। हालांकि, फ्रांस के राष्ट्रपति ने मुझे बताया कि ऐसा कोई करार भारत-फ्रांस के बीच नहीं है जो कहे कि आप हवाई जहाज के दाम नहीं बता सकते।

नरेंद्र मोदी के दबाव में आकर निर्मला सीतारमण ने देश से झूठ बोला। राहुल ने कहा- ‘‘प्रधानमंत्री का कुछ कारोबारियों के साथ क्या रिश्ता है? प्रधानमंत्री की मार्केटिंग के लिए जो पैसा लगाया जाता है, वह कहां से आता है, ये सभी को पता है। ऐसे कारोबारियों को हजारों करोड़ रुपए का फायदा मिलता है। प्रधानमंत्री मुस्कुरा रहे हैं। अब वे मेरी आंखों में आंख डालकर नहीं देखेंगे, क्योंकि वे जानते हैं कि मैं सच बोल रहा हूं।

जीएसटी तो हम लाए थे :
राहुल ने कहा “आप कभी कहते हैं पकौड़े बनाओ, कभी कहते हैं दुकान खोलो। आपने क्या किया? एक दिन रात आठ बजे नोटबंदी कर दी। शायद समझ नहीं थी कि किसान, मजदूर और गरीब कैश में अपना धंधा चलाते हैं। सूरत के लोगों ने मुझसे कहा कि प्रधानमंत्री ने जबर्दस्त चोट हमें मारी है। जीएसटी कांग्रेस लाई थी। आपने (भाजपा) विरोध किया था। गुजरात के मुख्यमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने विरोध किया था। प्रधानमंत्रीजी ने छोटे से छोटे दुकानदार के घर इनकम टैक्स को पहुंचा दिया।”

प्रधानमंत्री के मुंह से एक शब्द नहीं निकलता :
राहुल ने कहा, ‘‘क्या दलित-आदिवासी हिंदुस्तान के नहीं हैं? उन पर अत्याचार होता है तो प्रधानमंत्री के मुंह से एक भी शब्द नहीं बोलते। उल्टा उनके मंत्री हमलावरों पर जाकर हार पहनाते हैं। किसी न किसी हिंदुस्तानी को दबाया जा रहा है। यह हमला सिर्फ उस व्यक्ति पर नहीं, बल्कि अंबेडकर जी और इस सदन पर हो रहा है।’’

भाजपा के कई सांसदों ने मुझे बधाई दी :
राहुल ने कहा  ‘‘प्रधानमंत्री और अमित शाह, दो अलग तरह के राजनेता हैं। हमें तो सत्ता खो देने का भी दुख नहीं होता। लेकिन उनके साथ ऐसा नहीं है। लेकिन प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष सत्ता से बाहर होना बर्दाश्त नहीं कर सकते। इसलिए वे दोनों डर की वजह से और गुस्से की वजह से कई चीजें करते हैं। इसी कोशिश में वे हिंदुस्तान में कई आवाजों को दबा रहे हैं। अभी जब मैं बाहर गया तो आपके (भाजपा के) कई संसद सदस्यों ने मुझसे कहा कि अाप बहुत अच्छे बोले। ये अकाली दल की नेता मुझे मुस्कराकर मुझे देख रही थीं।’’’

मैं भाजपा का आभारी हूं:
राहुल ने कहा, ‘‘आप सोचोगे कि मेरे दिल में प्रधानमंत्री के खिलाफ गुस्सा और नफरत है। लेकिन मैं आपको दिल से कहता हूं कि मैं प्रधानमंत्री, भाजपा और आरएसएस का बहुत आभारी हूं कि इन्होंने मुझे कांग्रेस और हिंदुस्तानी होने का मतलब सिखाया। हिंदुस्तानी का ये मतलब है कि चाहे कोई कुछ कह दे, लाठी मारे, तुम्हारे दिल में उसके लिए आपके दिल में प्यार होना चाहिए। आपने मुझे मेरा धर्म सिखाया, शिवजी का मतलब बताया और हिंदू होने का अर्थ बताया। आपके अंदर मेरे लिए नफरत है। आपके लिए मैं पप्पू हूं। लेकिन मेरे दिल में आपके लिए कोई क्राेध नहीं है। एक-एक करके मैं आपके अंदर के प्यार को बाहर निकालूंगा। और आप सभी को कांग्रेस में बदलूंगा।’’

लोकसभा में यह 27वां अविश्वास प्रस्ताव :
लोकसभा में इससे पहले कुल 26 अविश्वास प्रस्ताव पेश किए गए हैं। शुक्रवार को 27वें प्रस्ताव पर चर्चा होगी। आपको बता दें, पहला अविश्वास प्रस्ताव 1963 में जवाहर लाल नेहरू सरकार के खिलाफ आचार्य कृपलानी ने पेश किया था। इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ रिकॉर्ड 15 अविश्वास प्रस्ताव पेश किए गए थे। 1990 में वीपी सिंह, 1997 में देवेगौड़ा, 1999 में वाजपेयी फ्लोर टेस्ट हारे। इस तरह तीन मौकों पर वोटिंग के बाद सरकारें गिर गईं।

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