नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में रविवार को नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 4 साल में चौथी बैठक हुई। मोदी ने कहा कि नीति आयोग ऐतिहासिक बदलाव ला सकता है। 2017 की चौथी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 7.7% रही है। सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस दर को दो अंकों में पहुंचाने की है।
इसके लिए कई अहम कदम उठाए जाएंगे। 2022 तक न्यू इंडिया का सपना अब देश के लोगों का एक संकल्प है। क्षमता और संसाधनों की कमी नहीं है, चालू वित्त वर्ष में राज्यों को केंद्र से 11 लाख करोड़ रुपए मिलेंगे, जो पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल के आखिरी साल की तुलना में 6 लाख करोड़ रुपए अधिक है।
मोदी ने कहा कि सरकार ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मूल मंत्र के साथ काम कर रही है, उसकी योजनाएं केवल कुछ लोगों या कुछ धर्मों के लिए नहीं हैं। पीएम ने नीति आयोग से कहा कि इन सुझावों पर तीन महीने में विचार-विमर्श की प्रक्रिया पूरी की जाए।
नीति आयोग की बैठक में किसानों की आय दोगुनी करने, जिलों का विकास, आयुष्मान भारत योजना, मिशन इंद्रधनुष, पोषाहार और महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह के बारे में चर्चा हुई। बैठक में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक समेत 5 मुख्यमंत्रियों को छोड़कर बाकी सभी सीएम शामिल हुए।
बैठक की 4 प्रमुख बातें
-मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत 1.5 लाख हेल्थ सेंटर खोले गए हैं। 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा।
-समग्र शिक्षा अभियान के तहत केंद्र सरकार हर तबके के बच्चों की पढ़ाई पर जोर दे रही है।
-मुद्रा योजना, जन-धन योजना, स्टैंड अप इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया जैसी योजनाओं से भी लोगों को लाभ मिला है।
-ग्राम स्वराज अभियान को नए तरह से लागू किया है। इसमें 45 हजार गांवों को शामिल किया है।
बैठक के बाद विरोधियों से पीएम की गपशप
विकास: 45000 गांवों में केंद्र की 7 योजनाएं चलेंगी
नीति आयोग ने पिछड़े और बीमारू जिलों की शब्दावली को बदलते हुए 115 जिलों की एक लिस्ट बनाई है, जिन्हें आकांक्षी जिला (एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स) कहा जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि 15 अगस्त तक 115 आकांक्षापूर्ण जिलों के 45 हजार अतिरिक्त गांवों को केन्द्र की 7 प्रमुख योजनाओं के दायरे में लाया जाएगा। नीति आयोग की तर्ज पर राज्य भी अपने जिलों में आकांक्षापूर्ण विकासखंडों का चयन कर सकते हैं।
विरोध: केजरीवाल को नीति आयोग के सीईओ का जवाब
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने नीति आयोग की बैठक को लेकर ट्वीट किया। इसमें लिखा कि संविधान के किस प्रावधान के तहत दिल्ली के उपराज्यपाल मुख्यमंत्री की शक्तियों में बदलाव कर रहे हैं? मैंने उन्हें अपनी जगह कहीं जाने का अधिकार नहीं दिया। इस पर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने उन्हें जवाब दिया। लिखा, आप गलत हैं। नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में दिल्ली के उपराज्यपाल मौजूद नहीं हैं।
मांग: नीतीश, चंद्रबाबू ने विशेष राज्य का दर्जा मांगा
नीति आयोग की बैठक में आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू और बिहार सीएम नीतीश कुमार ने अपने-अपने राज्यों के लिए भी विशेष राज्य के दर्जे की मांग की है। नायडू को एनडीए में शामिल नीतीश के रूप में एक समर्थक भी मिल गया। इसी मुद्दे को लेकर कुछ महीने पहले उनकी पार्टी एनडीए से अलग हो गई थी। वहीं, नीतीश की जदयू भी पिछले दिनों से लगातार बिहार में भाजपा के खिलाफ दबाव की सियासत पर काम कर रही है।
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