नई दिल्ली: निर्मला सीतारमण कल तक वाणिज्य मंत्रालय देख रही थीं। अब मोदी सरकार ने उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए देश का नया रक्षा मंत्री घोषित किया है। सीतारमण देश के इतिहास में इंदिरा गांधी के बाद रक्षामंत्री बनने वाली पहली महिला हैं। 35 साल पहले इंदिरा गांधी ने अपने पास रक्षा मंत्रालय का प्रभार रखा था। अबतक मोदी की महिला बिग्रेड में ताकतवर और सीनियर पद पर सुषमा स्वराज, स्मृति ईरानी और उमा भारती का नाम लिया जाता था लेकिन अब इन सबसे ऊपर निर्मला सीतारमण का नाम जुड़ गया है। आइए जानतें है मोदी सरकार की इस ताकतवर महिला के जीवन से जुड़े कुछ दिलचस्प पलों के बारें…
नए रक्षा मंत्री की बात करने से पहले आपको बता दें दुनिया के उन चार देशों के बारें में जहां इस शीर्ष पद पर भी धाकड़ महिलाओं का राज है। सबसे पहले ऑस्टेलिया की बात करें तो यहां पर मैरिस पेन, स्पेन में मारिया डे कॉसपेडल, रोबर्टा पिनटी इटली की, फ्लॉरेंस पार्ली, फ्रांस और अब भारत की सीतारमण शामिल हो चुकी है।
बीजेपी की नेता निर्मला सीतारमण साल 2006 में बीजेपी का हिस्सा बनीं और तब से लगातार वो इस पार्टी से जुड़ी हैं। राजनीतिक जीवन के बारे में उन्होंने कई बार खुलकर बात की है लेकिन उनकी निजी जिंदगी के बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है।
कुर्सी से नहीं जमीन से जुड़ी रही निर्मला-
निर्मला सीतारमण जेएनयू की छात्रा रही है। कॉलेज के दिनों में उन्होंने कोई चुनाव तो नहीं लड़ा लेकिन चुनावी गतिविधियों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। जैसे कि पर्चा बांटने, पोस्टर चिपकाने और क्लास-टू-क्लास कैम्पेन जैसे जमीनी काम करती रहीं।
समाजसेवा से पुराना नाता-
निर्मला ने लव मैरेज की है। जेएनयू में एमफिल की पढा़ई के दौरान उन्हें सहपाठी पराकला प्रभाकर से प्यार हुआ जिसके बाद दोनों ने शादी कर ली और दोनों लंदन शिफ्ट हो गए। 1991 में जब पहली संतान का जन्म होने वाला था तो वह पति के साथ भारत आ गईं। बेटी के जन्म के बाद वह हैदराबाद में रहने लगी। उनके पति प्रभाकर ने वेस्ट गोदावरी जिले की नारासपुरम सीट से कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा। यह वो सीट थी, जो उन्हें अपने पिता से विरासत में मिली थी। लेकिन वो चुनावी जीत का स्वाद नहीं चख पाए। इस दौरान निर्मला समाजसेवा जैसे कार्यों में अपना समय निकाल रही थी।
सियासत में पति-पत्नी अलग-
1999 में आई अटल बिहारी सरकार के आखिरी दिनों में निर्मला सीतारमण ने बीजेपी ज्वॉइन की। वाजपेयी सरकार ने उन्हें राष्ट्रीय महिला आयोग का सदस्य नियुक्त किया। 2006 में अधिकारिक तौर पर बीजेपी जॉइन की। इसके बाद धीरे-धीरे वे आगे बढ़ती हुई आज देश की रक्षामंत्री बन गई है। दूसरी तरफ इनके पति प्रभाकर की बात करें तो उन्होंने बीजेपी ज्वॉइन ना करते हुए साउथ एक्टर चिरंजीवी के साथ मिलकर ‘प्रजा राज्यम’ नाम से अलग पार्टी बना ली। सियासत में पति-पत्नी दोनों अलग है।
रोज पढ़ती है 9 अखबार-
निर्मला सीतारमण की लाइफस्टाइल की बात करें तो उन्हें सिंपल रहना काफी पसंद है और वो ज्यादातर कॉटन की साड़ी पहनना ही पसंद करती हैं। गले में चेन और हाथ में दो चुड़िया उनका स्टाइल है। निर्मला सीतारमण रोजाना 6 घंटे की नींद लेती हैं और उनके दिन की शुरुआत सुबह 7 बजे से होती है। उठने के तुरंत बाद ही उन्हें अखबार पढ़ने की आदत है और वो रोजाना 9 अखबारों को पढ़ती है।
अग्रेंजी में अच्छी पकड़-
भाषा कि अगर बात करें तो निर्मला सीतारमण ज्यादातर अंग्रेजी का ही इस्तेमाल करती हैं। हालांकि निर्मला कई बार इस बात को खुद कह चुकी हैं कि उनकी हिंदी ज्यादा अच्छी नहीं है लेकिन अंग्रजी में अच्छी पकड़ रखती हैं।
कर्नाटक और आंध्रप्रदेश की कुर्सी के लिए चुना निर्मला को रक्षामंत्री-
यूपी में जीत हासिल करने के बाद भाजपा की नजर अब साल 2019 में दक्षिण भारत में होने वाले चुनावों पर है। वेंकैया नायडू पहले ही उपराष्ट्रपति बना दिए है। ऐसे में वोट लेने के लिए मोदी सरकार को एक और रामबाण की जरूरत थी। जो निर्मला सीतारमण के अलावा उनके पास कोई चेहरा नहीं बचा। ऐसे में उन्हें देश का सर्वोच्च पद देना साउथ के वोटरों को लुभाने जैसा है।
दूसरी बड़ा कारण ये भी है निर्मला महिला होने के साथ स्पष्ट्र और साफ छवि वाली नेता है। जिससे महिलाओं को मैसेज देना आसान होगा। टॉप-4 मंत्रालयों (गृह, वित्त, विदेश, रक्षा) में पहली बार दो महिला हैं। सुषमा और निर्मला। बतौर रक्षा मंत्री निर्मला कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्युरिटी की सदस्य होंगी। पीएम और गृहमंत्री की गैर-मौजूदगी में रक्षा मंत्री कैबिनेट की बैठक लेता है। ऐसे में निर्मला का पद जेटली से भी ऊंचा है।
अब बड़ा सवाल ये हैं कि क्या निर्मला का नर्म तेवर चीन-पाकिस्तान और कश्मीर जैसे पेचिदें मामले सुलझा पाएगा या फिर ये एक राजनीतिक जुआं है जिसका निशाना निर्मला सीतारमण को बनाया गया है।
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