नई दिल्ली: निर्भया (Nirbhaya Rape Case) के दोषियों ने फांसी से बचने के लिए अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (International Court) का दरवाजा खटखटाया है। दोषियों के वकील ए पी सिंह ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय अदालत को पत्र लिखा है। पत्र में 20 मार्च की होने वाली फांसी पर रोक की मांग की गई है। साथ ही मांग की है कि निचली अदालत के सभी रिकॉर्ड अदालत अपने पास मंगाए ताकि वो अपना पक्ष अंतरराष्ट्रीय अदालत में रख सके। पत्र नीदरलैंड के दूतावास को दिया गया है जो ICJ को भेजा गया है।
निर्भया के चार दोषियों में से तीन अक्षय सिंह (31), पवन गुप्ता (25) और विनय शर्मा (26) आईसीजे की शरण में पहुंचे हैं। बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों को 20 मार्च सुबह 5.30 बजे फांसी देने का डेथ वारंट जारी किया है। दोषियों के खिलाफ यह चौथी बार डेथ वारंट जारी किया गया है।
आपको बता दें, इससे पहले निर्भया के दोषी कानूनी दांव-पेंच का सहारा लेकर तीन बार फांसी की तारीख टलवाने में सफल रहे थे। पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेद्र राणा ने डेथ वारंट जारी करते हुए कहा था कि दोषियों को 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी दी जाएगी।
क्या है अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) को संयुक्त राष्ट्र के चार्टर द्वारा 1945 के जून में बनाया गया था। हालांकि इसने अपना काम 1946 के अप्रैल से करना शुरू किया था। बता दें कि यह संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख न्यायिक अंग है। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का मुख्यालय हेग (नीदरलैंड) के शांति पैलेस में स्थित है।
क्या है मामला
16 दिसंबर 2012 की रात दिल्ली में एक घिनौना काम हुआ था जिसने पूरे भारत को हिला कर रख दिया था। चलती बस में एक पैरामेडिकल छात्र के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ जिसमें चार दोषियों मुकेश, पवन, विनय और अक्षय को फांसी की सजा सुनाई गई। इस मामले के बाद दिल्ली समेत पूरे देश भर के लगभग हर राज्यों में निर्भया के दोषियों को सजा दिलाने के लिए प्रदर्शन हुआ था।
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