हनुमानगढ़। नया वर्ष जीवन में नया उल्लास लेकर आता है जो व्यक्ति अपने जीवन में तीन विशेषताओं को धारण कर लेता है, उस व्यक्ति का पूरा वर्ष है वह मंगलमय बन जाता है। चंद्रमा की तरह शीतलता, सूर्य की तरह तेजस्विता और बादल की तरह सरसता अपने जीवन में जो अपना लेता है उस व्यक्ति का पूरा साल है वह अपने आप ही मंगलमय बन जाता है। उपरोक्त विचार हनुमानगढ़ जिले के पल्लू शहर में मां कल्याणी धर्मशाला के प्रांगण में नववर्ष के अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि भूपेंद्र कुमार जी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि 2022 का वर्ष साधना के लिए समर्पित वर्ष होना चाहिए और मैं आज संकल्प करता हूं मैं अपने आप को साधना के पथ पर आगे बढ़ाने का प्रयास करूंगा। जिस दिन एकांत साधना की ओर अग्रसर हो जाऊंगा उस दिन मेरे भोजन का आधार केवल वृक्ष रह जाएगा। वृक्ष के जो पत्ते होते हैं उनका जो रस है उसके आधार पर मैं अपने साधना को गतिशील बनाऊंगा। आप सभी लोग अपने आप को साधना के क्षेत्र में आगे बढ़ा कर अपना 2022 का वर्ष है वह मंगल में बनाने का प्रयास करेंगे। जैन श्वेताम्बर तेरापंथी आंचलिक समिति के अध्यक्ष सुरेन्द्र कोठारी ने कहा कि ऋषि मुनि हजारो वर्ष तपस्या करते थे और वह भी केवल कंद-मुल, फल व पत्ते खाकर ही तपस्या करते थे और मुनि श्री का यह संकल्प सफल हो इसी कामना के साथ पूरे अंचल की तरफ से सभी का स्वागत अभिनंदन करते हुए सुश्री सुशीला बांठिया के उज्जवल भविष्य की कामना की। मां कल्याणी शक्तिपीठ की साधिका सुशीला देवी बांठियां ने सबके प्रति मंगलकामनाएं अभिव्यक्त करते हुए कहा आज मैंने जो स्वप्न संजोया था वह स्वप्न मेरा पूरा हो गया है। नया वर्ष आप सबके लिए और ज्यादा मंगलमय बनेगा आज आपने मंगल पाठ का श्रवण किया है यह आपके जीवन को और ज्यादा मंगलमय बनाने वाला बन जाएगा। इस अवसर पर नगरपरिषद हनुमानगढ़ के सभापति गणेशराज बंसल ने समस्त उपस्थितजनों को नए बरस की मंगल कामना अभिव्यक्त की। पूर्व सभापति राजकुमार हिंसारिया, प्रधान धर्मपाल सिंह, उड़ीसा से समागत सुमन जैन, पंजाब प्रांतीय तेरापंथ सभा के अध्यक्ष केवल चंद जैन, नोहर से महेंद्र सिपानी, तारानगर से कमला देवी कोठारी मां कल्याणी शक्ति पीठ की तरफ से यहां के व्यवस्थापक बांठिया परिवार के द्वारा स्वागत गीत, भूटान से समागत पूजा जैन आदि अनेकों व्यक्तियों ने अपने विचारों की प्रस्तुति प्रस्तुत की। मंगल पाठ का श्रवण करने के लिए भूटान, आसाम, बंगाल, उड़ीसा, पंजाब, हरियाणा, तमिल नाडु, राजस्थान के अनेकों जिलों से हनुमानगढ़, पीलीबंगा, नोहर, सादुलपुर, राजगढ़, सरदार शहर, फतेहपुर, सुजानगढ़, श्री डूंगरगढ़, देराजसर आदि सिरसा आदि अनेकों क्षेत्रों के श्रावक श्राविका उपस्थित थे कार्यक्रम का संचालन प्रोफ़ेसर आनंद ने कुशलता के साथ परिसंपन्न किया।
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