कोहला में हड्डारोड़ी के खिलाफ चल रहे धरने के निस्तारण के लिए समझौता वार्ता बुलाई

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हनुमानगढ़। जिला प्रशासन द्वारा पिछले कई दिन से गांव कोहला में हड्डारोड़ी के खिलाफ चल रहे धरने के निस्तारण के लिए समझौता वार्ता बुलाई गई। लगभग दो घंटें तक चली वार्ता पूर्णतः विफल रही। वार्ता के जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी अशोक असीजा, उपखण्ड अधिकारी अवि गर्ग, संघर्ष समिति संयोजक  लीलाधर शर्मा, संरक्षक हरीराम चायल, सुरेन्द्र वर्मा सहित अन्य प्रतिनिधि मौजूद थे। वार्ता के दौरान ग्रामीणों ने हड्डारोड़ी गांव से हटाने की दो टूक बात कही, परन्तु प्रशासन के अधिकारी केवल सुझाव की बात करते रहे जिस पर ग्रामीणों ने कहा कि जिस जमीन पर हड्डारोड़ी बन रही है वह गांव कोहला की थी जिसका केस उपखण्ड अधिकारी के समक्ष चल रहा था, परन्तु प्रशासन द्वारा षड़यंत्र रचकर उक्त जमीन को रामसरा के पक्ष में केस जीतवाकर तुरन्त फुरन्त में हड्डारोड़ी के लिए प्रस्तावित कर आंवटित कर दी जो कि सरासर गलत है।

ग्रामीणों ने उक्त मामले में विधायक से उपखण्ड अधिकारी तक सभी को दोषी बताते हुए कहा कि यह षड़कर शासन व प्रशासन द्वारा मिलकर रचाया गया है जिसके विरोध में ग्रामीण एकजुट होकर धरना दे रहे है। ग्रामीणों ने कहा कि जंक्शन से हड्डारोड़ी हटाकर गांव कोहला में स्थानातरित की गई है। उन्होने कहा कि जंक्शन में लोग रहते है तो क्या गांव कोहला में लोग नही रहते। उन्होने कहा कि प्रशासन मान चुका है कि गांव कोहला में जानवर रहते है इसीलिये गांव से 500 मीटर दूर 2 शहर व 21 गांवों के मृत पशुओं को फेकने की योजना बना रखी है। दो घंटे तक वार्ता चलने के बाद भी कोई नतीजा न निकलने पर ग्रामीणों ने वार्ता का बहिष्कार करते हुए कहा कि वार्ता करने वाले सभी अधिकारी केवल कटपुतली है। उन्होने कहा कि जब तक हड्डारोड़ी गांव से बाहर नही होती तब तक धरना जारी रहेगा और अब उग्र रूप लेगा।

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