NEET पेपर लीक मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, जानें क्या-क्या हुआ?

कोर्ट को बताया कि इससे पहले इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ जब दो-तीन छात्रों से ज्यादा किसी को पूरे नंबर मिले हों। यह अपने आप में इतिहास में पहला मौका है जब 67 बच्चों ने 720 में से 720 नंबर हासिल किए।

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मेडिकल एंट्रेस परीक्षा NEET-2024 विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार, 8 जुलाई को 2 घंटे 20 मिनट तक सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘ये साफ है कि पेपर लीक हुआ है। सवाल ये है कि इसका दायरा कितना बड़ा है। ये समझना जरूरी है कि पेपर लीक कितना व्यापक है? सिर्फ दो लोगों की गड़बड़ी की वजह से पूरा एग्जाम कैंसिल नहीं किया जा सकता।

हम ये जानना चाहते हैं कि NTA और सरकार ने अब तक पेपर लीक के आरोपियों को पहचानने के लिए क्या कदम उठाए हैं।’ अदालत ने NTA को गड़बड़ी से फायदा उठाने वाले कैंडिडेट्स की जानकारी देने, CBI को जांच का अब तक का अपडेट देने को कहा है।

वहीं, केन्‍द्र सरकार से NTA में सुधार के लिए बनी एक्सपर्ट कमेटी की जानकारी मांगी है। इसके अलावा, रीएजाम की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं से अधिकतम 10 पेज की कंसोलिडेटड रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने कहा कि सभी बुधवार शाम 5 बजे तक अपने जवाब सौंपें।

अदालत 38 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रही थी। इनमें से 34 याचिकाएं स्टूडेंट्स, टीचर्स और कोचिंग इंस्टीट्यूट्स ने, जबकि 4 याचिकाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने लगाई थी।

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बता दें, इस साल 5 मई को NEET परीक्षा हुई थी। 571 शहरों के 4,750 परीक्षा केंद्रों पर लगभग 24 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। लेकिन यह परीक्षा एग्जाम के पहले ही विवादों में आ गई थी। पेपर लीक और 1563 स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क देने के बाद कई छात्रों ने धांधली और गड़बड़ी का आरोप लगाया था। इसे लेकर कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए। विपक्षी दलों ने संसद में यह मुद्दा उठाया। सरकार ने सफाई दी। इस बीच राज्यों के हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा छात्रों ने खटखटाया।

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ग्रेस मार्क्स वाले कितने छात्र?
वकील ने कोर्ट से कहा कि शुरुआती तौर पर बिहार पुलिस के सामने जो तथ्य आए हैं, वह बड़े पैमाने पर पेपर लीक की ओर इशारा कर रहे हैं। इस परीक्षा में 67 बच्चों ने 720 में से 720 नंबर हासिल किए, जिसमें से 6 एक ही सेंटर से थे। इस पर कोर्ट ने पूछा इसमें से ऐसे कितने छात्र थे, जिनको ग्रेस मार्क्स मिले थे। वकील ने जवाब दिया एक भी नहीं।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि इससे पहले इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ जब दो-तीन छात्रों से ज्यादा किसी को पूरे नंबर मिले हों। यह अपने आप में इतिहास में पहला मौका है जब 67 बच्चों ने 720 में से 720 नंबर हासिल किए। कोर्ट ने कहा नहीं 2 सेंटर के 1563 बच्चे ऐसे थे, जिनको ग्रेस मार्क्स दिए गए जिसमें से 6 बच्चों के 720 में से 720 नंबर आए थे।

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