राजस्थान: अजमेर की तीर्थनगरी कहे जाने वाले पुष्कर स्थित जगत पिता ब्रह्मा मंदिर के दिवंगत महंत सोमपुरी की पिछले दिनों देहांत हो गया था। इसके बाद से दिवंगत महंत सोमपुरी सुर्खियों में हैं। बता दें सोमपुरी का कार्यकाल विवादों से भरा रहा। उनकी मृत्यु के बाद भी नए-नए मामले सामने आ रहे हैं।
हाल ही में उनके आश्रम की तिजोरी की छानबीन की गई। वहीं पलंग के नीचे पड़े सिंदूक में कई हैरान कर देने वाली चीजें बरामद हुई। जिसमें 10, 20, 50 और 100 रुपए के नोटों की गड्डियां भरी थीं। इसके अलावा कमरे में 18 बारह बोर के जिंदा कारतूस मिले हैं। साथ ही सोने चांदी के आभूषण सहित भू संबंधी महत्वपूर्ण दस्तावेज भी मिले हैं, जिनको सूचीबद्ध कर प्रबंधन कमेटी ने अपने कब्जे में ले लिया है।
ऐसे में सवाल उठता है कि इस महंत के पास इतनी मात्रा में कहां से इतनी नकदी और हथियार आए? कौन थे महंत सोमपुरी और कैसे बने दुनिया के इस एकमात्र ब्रह्मा मंदिर के महंत?
ऐसे बने महंत
- सोमपुरी नागौर जिले के गांव नथावड़ा के रहने वाले थे। वे 10 साल की उम्र में पुष्कर आ गए थे और मंदिर के काम-काज में हाथ-बंटाने लगे थे। उस समय मंदिर के महंत लहरपुरी थे। धीरे-धीरे उनका मन पूजा-पाठ में लग गया और वे मंदिर की व्यवस्था देखने लगे।
- इसके बाद पूर्व महंत लहरपुरी ने उनकी लगन और भक्ति भाव को देखकर महंत की गद्दी का उत्तराधिकारी बना दिया। उन्होंने अपने देहांत से पहले ही इसकी घोषणा लिखित रूप से कर दी थी। साल 2013 में महंत लहरपुरी का देहांत हो गया था। इसके बाद से ही महंत की कुर्सी सोमपुरी के पास थी।
विवादों से नाता
बताया जाता है कि लहरपुरी के महंत रहने के समय सोमपुरी सरिया डालकर मंदिर में रखे दानपात्रों से रुपए चुराया करते थे। उनकी ये हरकत सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। ये मामला उस समय सामने आया जब लहरपुरी का देहांत हो गया और उन्हें मंदिर का महंत घोषित किया गया। इसके बाद जमकर विवाद हुआ था।
चर्चा में अब मंहत की कुर्सी:
मंदिर के महंत सोमपुरी का देहांत 11 जनवरी को हो गया। इसके बाद से ही महंत की गद्दी पर अब कौन बैठेगा ये मुद्दा फिलहाल छिड़ा हुआ। खबरों के अनुसार ब्रह्मा मंदिर में जिला कलेक्टर अजमेर और आयुक्त देवस्थान विभाग ने अंतरिम प्रशासनिक व्यवस्था के लिए जिला कलेक्टर गौरव गोयल की अध्यक्षता में अस्थाई समिति का गठन किया गया है. पांच सदस्यीय कमेटी में जिला कलेक्टर अध्यक्ष, वहीं कमेटी में तहसीलदार, उपकोष अधिकारी, अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका एवं उपखंड अधिकारी पुष्कर सदस्य हैं।