पाकिस्‍तानी मीडिया ने की कुलभूषण जाधव की अजमल कसाब से तुलना, सुषमा ने दी चेतावनी

पाकिस्‍तान के वरिष्‍ठ पत्रकार हामिद मीर ने कुलभूषण जाधव की तुलना मुंबई हमलों में मासूमों के खून से हाथ रंगने वाले अजमल कसाब से की है। उन्‍होंने भारत को चुप रहने की नसीहत भी दी है।

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नई दिल्ली: पाकिस्तान में कुलभूषण को मौत की सजा सुनाए जाने पर संसद में आज हंगामा हुआ। विपक्ष ने मोदी सरकार से कुलभूषण को बचाने की मांग की है। तो दूसरी तरह पाकिस्‍तान के वरिष्‍ठ पत्रकार हामिद मीर ने कुलभूषण जाधव की तुलना मुंबई हमलों में मासूमों के खून से हाथ रंगने वाले अजमल कसाब से की है। उन्‍होंने भारत को चुप रहने की नसीहत भी दे डाली। पाकिस्‍तान मीडिया का कहना है कि कोर्ट का यह फैसला अभूतपूर्व है और इस पर भारत को शांत रहना चाहिए, क्‍योंकि यह सबूतों और गवाहों के आधार पर किया गया फैसला है।

इस मामले में आज गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में बयान दिया। राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि पाकिस्तान की तरफ से कुलभूषण पर लगाए गए सभी आरोप गलत हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने ईरान से कुलभूषण का अपहरण किया था। उन्होंने संसद को आश्वस्त किया कि भारत सरकार को कुलभूषण को न्याय दिलाने के लिए जो भी करना पड़े वह जरुर करेगी।

सजा-ए-मौत के बाद देश में फूटा पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा

पाकिस्तान में कुलभूषण को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद देशभर में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। राजधानी दिल्ली सहित मुंबई, नागपुर और पटना तक लोग हाथों में बैनर लिए सड़कों पर उतर आए हैं। लोग हाथों में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और भारत में पाकिस्तान के राजदूत अब्दुल बासित की तस्वीर लिए अपना विरोध जता रहे हैं और पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।

राज्यसभा में बोलीं सुषमा, ‘कुलभूषण की सजा सुनियोजित साजिश’

इस मामले पर राज्यसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि कुलभूषण जाधव को झूठे आरोप में फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से जासूसी के आरोप सरासर गलत हैं। सुषमा ने कहा कि कुलभूषण को सजा सुनियोजित साजिश है। उनके खिलाफ जासूसी के कोई सबूत नहीं है। उन्होंने सदन को बताया कि कुलभूषण को बचाने के लिए जो भी किया जा सकता है भारत सरकार वह सब करेगी।

सारे मामले पर पाकिस्‍तान मीडिया के कड़वे बोल:

इस संबंध में अपनी प्रतिक्रिया स्‍वरूप उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान की कोर्ट ने यह फैसला सबूतों और गवाहों के आधारा पर सुनाया है। पाकिस्‍तान को चाहिए कि वह इस मामले में मिले सबूतों को भारत और पूरी दुनिया से शेयर करे। उन्‍होंने यह भी कहा कि पाकिस्‍तान को इस संबंध में भारत के रवैये की परवाह न करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। उनका कहना था कि यदि लोगों को याद हो तो पाकिस्‍तान ने अजमल कसाब के मुद्दे पर खामोशी बरती थी। उस मामले में भारत की कोर्ट ने सबूतों और गवाहों को अाधार बनाते हुए उसको फांसी की सजा सुनाई थी। लेकिन पूरे मामले में पाकिस्‍तान चुप रहा था। लिहाजा भारत को जाधव को हीरो नहीं बनाना चाहिए और इस मामले में खामोश रहना चाहिए।

पाक ने रॉ का एजेंट बताते हुए कुलभूषण पर लगाया जासूसी का आरोप

पाकिस्तान ने भारतीय नौसेना के पूर्व कमांडर कुलभूषण जाधव को रॉ का एजेंट बताते हुए जासूसी के आरोप में पिछली साल गिरफ्तार कर लिया था और अब उन्हें मौत की सजा सुनाई है. कुलभूषण को पाकिस्तानी सेना ने कोर्ट मार्शल की कारवाई में मौत की सजा सुनाई है. पाकिस्तानी सेना ने कुलभूषण जाधव पर जासूसी करने, तोड़फोड़ की कारवाई और ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट के तहत सजा सुनाई है.

भारत ने कहा सजा मिली तो मानेंगे सुनियोजित हत्या

पाकिस्तान की तरफ से सज़ा सुनाए जाने पर भारत में कड़ी प्रतिक्रिया हुई है. भारत ने कहा है कि अगर ऐसा हुआ तो ये सुनियोजित हत्या होगी. विदेश सचिव एस जयशंकर ने भारत में पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया और कड़े शब्दों वाला पत्र जारी किया. एमनेस्टी इंटरनेशन ने भी पाकिस्तान की इस हरकत पर कड़ी आपत्ति जताई है.

कुलभूषण का नेपाल कनेक्शन

पाकिस्तान ने नेपाल के लुंबनी से गायब हुए पाकिस्तानी एजेंट के गायब होने के बाद ये कदम उठाया है। दरअसल 6 अप्रैल को नेपाल के लुंबनी से पाकिस्तानी सेना का एक पूर्व अधिकारी गायब हो गया था। पाकिस्तान का दावा है कि पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद हबीब जहीर लुंबनी में एक नौकरी के इंटरव्यू को लिए पहुंचा था पर इसके बाद उसका कोई अता-पता नहीं लगा।

हसीब के घरवालों और पाकिस्तान की मीडिया ने भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ पर गायब करने का शक जताया। इसी के बाद भारत पर दवाब बनाने के लिए कुलभूषण को जासूस करार देकर मिलट्री कोर्ट से मौत की सजा सुना दी गई।

अपनी कार्गो कंपनी चलाता था कुलभूषण

कुलभूषण अपनी कार्गो कंपनी चलाता था और उसी सिलसिले में ईरान व्यापार के लिए गया था जहां से अगवा कर लिया गया। बलूचिस्तान से गिरफ्तारी दिखाए जाने के बाद से भारत कुलभूषण से मिलने की इजाजत मांग रहा है लेकिन इजाजत देने की बजाए एकतरफा सजा सुना दी गई।

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