नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ बीजेपी में शामिल हुए नरेश अग्रवाल ऐसे ही सुर्खियों में थे लेकिन अभिनेत्री जया बच्चन पर कमेंट कर बुरे फंस गए है। बीजेपी ने जहां उनको फूल माला पहनाकर स्वागत किया वहीं महिला शक्ति के नाम पर पार्टी में जानी-मानी नेता सुषमा स्वराज, स्मृति ईरानी ने उनके इस बयान पर आते ही क्लास लगा दी।
बवाल को बढ़ता देख नरेश अग्रवाल ने मीडिया के सामने जया बच्चन से माफी मांगी। हालांकि उन्होंने स्पष्ट्र रूप से कुछ नहीं कहा बस औपचारिकता मात्र निभा दी। उन्होंने कहा, ‘अगर मेरी किसी बात से ठेस पहुंची है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं लेकिन जब उनसे माफी मांगने के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने मीडिया से कहा, ‘ खेद शब्द का मतलब आप समझते हैं’।
क्या था विवादित बयान-
राज्यसभा में उनके बजाए जया बच्चन को तरजीह देने पर सपा को निशाना बनाते हुए उन्होंने कहा था कि पार्टी ने उनकी तुलना फिल्म अभिनेत्री से की है जो फिल्मों में नाचती थी। अपने बयानों को लेकर पहले भी विवादों में रहे अग्रवाल के भाजपा में शामिल होने के लिए पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया, जहां उन्होंने यह टिप्पणी की। इस दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल सहित भाजपा नेता मौजूद थे। इस बयान के बाहर आते ही उनकी चौतरफा आलोचना होने लगी।
क्या कहा सुषमा स्वराज ने-
विदेश मंत्री ने अपने ट्वीट के जरिए लिखा.. श्री नरेश अग्रवाल भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं। उनका स्वागत है। लेकिन जया बच्चन जी के विषय में उनकी टिप्पणी अनुचित एवं अस्वीकार्य है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने अग्रवाल की टिप्पणी से तुरंत पार्टी को अलग बताया और कहा कि उनकी पार्टी सभी क्षेत्रों के लोगों का सम्मान करती है और राजनीति में उनका स्वागत करती है।
क्यों नाराज हुए नरेश अग्रवाल-
नरेश अग्रवाल की नाराजगी की सबसे बड़ी वजह यह है कि पिछले काफी समय वे राष्ट्रीय राजनीति में सपा के प्रमुख चेहरे रहे हैं। यही नहीं वो राज्यसभा में सबसे ज्यादा मुखर रहे हैं और पार्टी की रीतियों-नीतियों को केंद्रीय स्तर पर उठाते रहे हैं। सपा में जब अखिलेश बनाम मुलायम की जंग छिड़ी हुई थी तब नरेश अग्रवाल ने खुलकर अखिलेश यादव का साथ दिया था लेकिन इसके बावजूद पार्टी ने जया बच्चन को राज्यसभा भेजने का फैसला किया और उनका पत्ता काट दिया गया।
कई दल बदले अग्रवाल ने-
68 साल के नरेश अग्रवाल हरदोई के रहने वाले हैं। वे 1980 में पहली बार कांग्रेस के विधायक चुने गए. इसके बाद 1989 से 2008 तक लगातार यूपी विधानसभा के सदस्य रहे। 1997 में कांग्रेस पार्टी को तोड़कर लोकतांत्रिक कांग्रेस पार्टी का गठन किया था। 1997 से 2001 तक वो यूपी सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे। 2003 से 2004 तक पर्यटन मंत्री रहे. 2004 से 2007 तक उन्होंने यूपी के परिवहन मंत्री का कार्यभार संभाला। बाद में वे राज्यसभा के लिए चुने गए और संसद की कई कमेटियों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे।
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