कोहिमा: नगालैंड में स्थानीय निकाय चुनाव में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण के विरोध में पिछले कुछ दिनों से चल रहा प्रदर्शन गुरुवार को हिंसक हो गया है। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी कार्यालयों में तोड़फोड़ की आैर आग लगा दी।
खबर है कि कुछ मंत्रियों के रिश्तेदारों के घरों को भी निशाना बनाए गया। राज्य में बिगड़ते हालात को देखते हुए असम राइफ़ल्स की 5 टुकड़ियों की तैनाती की गई है और सेना को तैयार रहने के लिए कहा गया है। मोबाइल इंटरनेट को बैन कर दिया गया है और इसके साथ ही कुछ इलाकों में धारा 144 लगा दी गई है।
महिलाओं के आरक्षण पर इसलिए हो रहा विरोध
जनजातीय समूह स्थानीय निकायों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने संबंधी फैसले का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस तरह का फैसला उनके मामलों में दखल है। नागालैंड में जनजातीय समूहों को संविधान के अनुच्छेद 371(ए) के तहत विशेष अधिकार मिले हुए हैं।
बता दें मंगलवार को दीमापुर और लोंगलेंग ज़िलों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों की झड़प में दो लोगों की मौत के बाद प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग और उनकी कैबिनेट का इस्तीफ़ा मांग रहे हैं। साथ ही फ़ायरिंग में शामिल सभी पुलिसवालों के तत्काल निलंबन और मारे गए दोनों लोगों को नगा शहीद का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। हालांकि फ़ायरिंग के लिए ज़िम्मेदार पुलिसकर्मियों और दीमापुर के पुलिस कमिश्नर का तबादला कर दिया गया है।