स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित कर आत्मनिर्भर बना रहा है नाबार्ड 

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श्रीगंगानगर। स्वयं सहायता समूह भी राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका अदा कर रहे है उक्त शब्द नाबार्ड, श्रीगंगानगर के जिला विकास प्रबंधक चंद्रेश शर्मा ने गाँव कमीनपपुरा में डेयरी फार्मिंग गतिविधि के अंतर्गत आजीविका एवं उद्यम विकास कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए बतौर मुख्यातिथि कहे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं प्रशिक्षण न होने के कारण आर्थिक रूप से पिछड़ जाती है। महिलाओं में हुनर की कोई कमी नहीं होती, लेकिन उनका सही मार्गदर्शन न होने के कारण हुनर दबकर रह जाता है। ऐसे में नाबार्ड की ओर से दिए जा रहे प्रशिक्षणों की बदौलत महिलाएं स्वयं को स्वावलंबी बनाकर परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर पाती है। उन्होंने अपने सम्बोधन में समस्त प्रतिभागियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए उन्हें आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित किया। यह जानकारी देते हुए एक्सपर्ट निदेशक विनीत छाबड़ा ने बताया कि नाबार्ड के तत्वावधान में द्वारा गांव कमीनपपुरा में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को दस दिवसीय निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में सहायता मिलेगी । वहीँ राजीविका से जिला प्रबंधक आत्मा राम कुमावत ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए बताया कि उक्त कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं के भीतर छिपे कौशल को विकसित कर आत्मविश्वास का संचार करना है ताकि उन्हें आत्म निर्भरता की दिशा में उन्मुख किया जा सके। कार्यक्रम के दौरान समस्त प्रशिक्षणर्थियों को अधिक प्रेरित करने के लिए नि:शुल्क प्रशिक्षण सामग्री का वितरण भी किया गया तथा मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर राजीविका से ब्लाक परियोजना अधिकारी दौलत सिंह, सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर नवीन, एक्सपर्ट परियोजना अधिकारी, मास्टर ट्रेनर, जिला समन्वयक सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।

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