हनुमानगढ़/नई दिल्ली: कोरोना काल में आयोजित हो रहे संसद के मानसून सत्र में शून्य काल के दौरान लोकसभा सांसद व पूर्व केन्द्रीय मंत्री निहाल चन्द ने राजस्थान प्रदेश में टिड्डियों के द्वारा मचाई गई तबाही पर सदन और केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करवाते हुए टिड्डी हमले को प्राकृतिक आपदा में शामिल करने की मांग उठाई, ताकि इन हमलों के तुरंत बाद पीडि़तों को शीघ्र उचित मुआवजा दिया जा सके।
सदन में अपनी बात रखते हुए उन्होंने बताया कि अब तक टिड्डियाँ प्रदेश की करीब 90 हजार एकड़ से ज्यादा भूमि की फसलें चट कर चुकी है । इन टिड्डियों के विशाल दल ने श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ समेत राज्य के अन्य जिलों में भी किसानों को बहुत नुकसान पहुँचाया है।
सांसद महोदय ने कहा कि प्रदेश में पिछली खरीफ फसल ओलावृष्टि की मार झेल चुकी है और अब रबी की फसलों पर यह टिड्डी दल महामारी बनकर तबाही मचा रहा है । सीमा पर तैनात जवानों की तरह मुसीबतें झेलते हुए किसानों को भी फसल उगाने और बचाने में प्राकृतिक मार झेलनी पड़ती है और साथ ही बहुत सी पीड़ा उठानी पड़ती है । अब तक टिड्डी दल 8-9 महीनों में लगभग 7 अरब की फसल खा चुका है।
ये किसान और देश हित में बिलकुल भी नहीं है । प्रदेश सरकार के द्वारा इस ओर विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिसकी मार प्रदेश के गरीब किसानों को झेलनी पड़ रही है । अन्नदाता आज मौसम और इन टिड्डियों के आतंक की दोहरी मार झेल रहा है।
सांसद महोदय ने लोकसभा अध्यक्ष के माध्यम से केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि राजस्थान प्रदेश के किसानों की परेशानियों और दोहरी मार को देखते हुए जल्द से जल्द सर्वे करवाकर उनके लिए उचित व आवश्यक सहायता की व्यवस्था की जाए और इस विषय में प्रदेश सरकार को भी निर्देशित किया जाए ।
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