मप्र: किसान आंदोलन को हल्के में लेने वाले कलेक्टर और एसपी को हटाया गया

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मध्य प्रदेश: मंदसौर जिले में 5 किसानों की मौत के बाद से ही हिंसा और तनाव की चपेट में है। इस बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पुलिस गोलीबारी में मारे गए किसानों के परिवारों से मिलने मंदसौर के लिए रवाना हो चुके हैं। इस बीच राज्य के माल्वा इलाके में तीसरे दिन भी हिंसा का दौर जारी है, जिसके बाद जिले के कलेक्टर और एसपी का तबादला कर दिया है। इस बीच किसानों पर गोली चलाए जाने के मामले में पिपलिया मंडी के इंस्पेक्टर अनिल सिंह ठाकुर को फील्ड ड्यूटी से हटा दिया गया है।

बता दें कि मंदसौर प्रशासन ने राहुल गांधी के विमान को वहां लैंड करने की इजाजत नहीं दी है। ऐसे में वह पहले उदयपुर एयरपोर्ट पहुंचे और फिर वहां से सड़क के रास्ते मोटरसाइकिल से मध्य प्रदेश जा रहे हैं। उधर नीमच के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने कहा है कि उन्हें हिंसा प्रभावित जिले में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। एसपी ने कहा कि अगर कांग्रेस नेता ने जिले में घुसने का प्रयास किया तो उन्हें हिरासत में ले लिया जाएगा।

उधर, मध्य प्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने गुरुवार को स्वीकार किया कि मंदसौर जिले के पिपल्यामंडी में पुलिस द्वारा गोलीचलाने में ही किसानों की मौत हुई है। मप्र में उग्र हुए किसान आंदोलन का ठींकरा मंदसौर कलेक्टर और एसपी के सिर फूट गया है। समय रहते आंदोलन को रोकने में नाकाम रहने के कारण पूरे प्रदेश में किसान भड़क उठे हैं। इस बीच मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्र से विशेष फोर्स मांगा है। इसके साथ ही भोपाल से इंदौर औऱ जबलपुर जाने वाली बसों को फिलहाल बंद कर दिया गया है।

क्या है किसानों की शिवराज सरकार से मांगें?

दरअसल, प्रदर्शन पर उतरे इन किसानों की ऋण माफी समेत राज्य सरकार से अपनी कुछ मांगें हैं जिसको लेकर वह सरकार पर दबाव बना उन्हें पूरा कराने की कोशिश कर रहे हैं।

1- किसानों की मांग है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू की जाएं।

2- देश की सभी कृषि उपज मंडियों में भारत सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य से नीचे फसलों की बिक्री न की जाए।

3- आलू, प्याज सहित सभी प्रकार की फसलों का समर्थन मूल्य घोषित किया जाए। आलू, प्याज की कीमत 1500 रुपये प्रति क्विंटल हो।

4- सभी किसानों के कृषि ऋण माफ हों।

5- भारत सरकार के भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को यथावत रखा जाए। अधिनियम के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्र में गाइडलाइन का 4 गुना व शहरी क्षेत्र में दो गुना मुआवजा दिया जाए।

6- दूध उत्पादक किसानों को 52 रुपये प्रति लीटर दूध का भाव तय हो, भाव तय करने का अधिकार किसानों को मिले।

7- दूध, दूध पाउडर और अन्य उत्पादों पर निर्यात सब्सिडी पुन: शुरू की जाए।

8- फसलीय कृषि ऋण की सीमा 10 लाख रुपये की जाए। वसूली की समय-सीमा नवंबर और मई की जाए।

हिंसा को हवा दे रही है कांग्रेस- शिवराज सिंह

मंदसौर में प्रदर्शन के दौरान किसानों की हुई मौत पर राज्य में सियासत तेज़ हो गई है। कांग्रेस ने राज्य सरकार पर सीधा निशाना साधा है। भोपाल में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा, ‘गोली चली है प्रशासन की तरफ से, जो मेरी जानकारी है।’ जबकि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- ‘मंदसौर में हुई मौत दुर्भाग्यपूर्ण है। किसानों की मांगें मान ली गई हैं। मैं किसानों से अपील करता हूं कि भड़काए जाने से उकसावे में ना आएं।’

किसानों के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है सरकार- राहुल गांधी

दूसरी तरफ, कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की तरफ से हिंसा भड़काने को लेकर लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए बुधवार को बंद बुलाय है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा- ‘यह सरकार देश के किसानों के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है।’

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