हनुमानगढ़। राजस्थान विधानसभा में 03 मार्च 2025 को हनुमानगढ़ विधानसभा के विधायक गणेशराज बंसल ने राज्य की अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की सूची की नियमानुसार समीक्षा और वर्गीकरण की मांग उठाई। विधायक बंसल द्वारा उठाई गई इस महत्वपूर्ण मांग को मूल ओबीसी समुदाय ने सराहा और उन्हें विधानसभा में यह मुद्दा उठाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। सामाजिक समरसता न्याय मंच राजस्थान के अध्यक्ष रामप्रताप भाट उर्फ प्रकाशनाथ ने राज्य सरकार की आलोचना की और कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 1999 में अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में 10 वर्षों के लिए नई जातियों का समावेश किया गया था, लेकिन 2009 में निर्धारित वैधानिक अवधि पूरी हो जाने के बाद, राज्य सरकार ने ओबीसी सूची की समीक्षा नहीं की। इसके खिलाफ राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई, जिसके बाद 10 अगस्त 2015 को न्यायालय ने आदेश दिए थे कि राज्य सरकार ओबीसी सूची की समीक्षा करें, लेकिन आज तक राज्य सरकार ने इन आदेशों का पालन नहीं किया है। इसके परिणामस्वरूप राज्य सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई है, जो फिलहाल विचाराधीन है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की चुप्पी और टालमटोल यह स्पष्ट संकेत है कि वह ओबीसी सूची की समीक्षा नहीं करना चाहती है।
विधायक गणेशराज बंसल ने सदन में जब राज्य की ओबीसी सूची की समीक्षा की मांग उठाई, तो राज्य सरकार के मंत्री महोदय ने जवाब देते हुए कहा कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण सबज्यूडाईज है। हालांकि, विधायक बंसल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अवमानना याचिका तो न्यायालय के आदेशों की अनुपालना नहीं किए जाने पर राज्य सरकार के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही के लिए दायर की गई है, न कि इसमें इस मामले में कोई निर्णय लिया जाना है। विधायक बंसल ने राज्य सरकार से विधानसभा में मांग की कि ओबीसी सूची की नियमानुसार समीक्षा की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करे और न्यायालय के आदेशों का पालन करें। अगर सररकार कोई निर्णय नही लेती है तो सामाजिक समरसता न्याय मंच रोड से विधान सभा तक आंदोलन करेगी
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