खस्ता हाल ‘नेकी की दीवार’ मांग रही है कुछ सुधार

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राजस्थान:  भीलवाड़ा में जरूरतमंदो की मदद के लिए शुरू की गई ‘नेकी की दीवार’ कुछ समय तक लोगों के लिए आकर्षक की दीवार थी। लेकिन जैसे-जैसे समय बीता यहां पुराने कपड़ो के ढ़ेर लगते चले गए। भीलवाड़ा नगर विकास न्यास और कुछ समाजसेवी संस्थाओं का दावा था कि ये मुहिम आगे चलकर अच्छा स्वरूप लेगी। लेकिन इन तस्वीरों में कहानी कुछ और ही नजर आ रही है।

शुरूवाती दिनों में नेकी की दीवार
शुरूवाती दिनों में नेकी की दीवार

नेकी की दीवार का गलत इस्तेमाल-

इस मुहिम की पहल बेसहारों की जरूरत पूरी करने के लिए शुरू की गई लेकिन ये ताजा तस्वीरें आपको नेकी की दीवार की कहानी कुछ ओर ही बयां करती नजर आएंगी। दरअसल अब ये दीवार सड़क किनारे कपड़ो की ढेर के रूप में तब्दील होनी शुरू हो गई और शायद से यहां से गुजरने वालों के लिए एक प्रदर्शनी तैयार हो गई।

नेकी की दीवार कपड़ो के ढ़ेर में तब्दील
नेकी की दीवार कपड़ो के ढ़ेर में तब्दील

जरूरतमंद भी ढ़ूढता रहा अपनी जरूरत की चीचें- 

नेकी की दीवार का लक्ष्य लोगों के लिए ऐसी दीवार तैयार करना जहां नागरिक कपड़े और बर्तन टांग दें और जरूरतमंद लोग इन्हें यहां से ले जाकर उनका उपयोग कर सकेंगे। जिससे गरीबों को बिना पैसे कपड़े व बर्तन उपलब्ध हो जाएं। लेकिन इस वीडियो में आप देख सकते है कि कैसे जरूरतमंद अपने ही काम की चीचों के लिए मशक्कत करते नजर आ रहे। दिलचस्प बात ये भी देखने को मिली की यहां केवल पुराने कपड़ो के ढेर के अलावा और किसी भी प्रकार की कोई अन्य वस्तु नहीं है। कपड़ो का ढेर इतना है कि कुछ कपड़े तो सड़क तक फैले पड़े है।

ईरान से आया आइडिया- ईरान में पिछले कुछ समय से लोगों ने ऐसी दीवारें तैयार की हैं। इस दीवार पर जरूरतमंदों के लिए लोग कपड़े टांग कर चले जाते हैं। इसी तरह जरूरत वाले लोग यहां से कपड़े ले जाते हैं। यह चलन देखते ही देखते ईरान के कई बड़े शहरों और कस्बों में फैल गया। इन दीवारों को ‘वॉल ऑफ    काइंडनेस’ कहा जाता है। अब लोगों ने सिर्फ कपड़े ही नहीं, किताबें और खाने-पीने का सामान भी इन पर रखना शुरू कर दिया है। पूरी दुनिया में ईरान के समाज की इस अनूठी पहल की चर्चा हो रही है।

भारत में इस मुहिम की शुरूवात भीलवाड़ा समेत खड़वा,झाबुआ हरदा की तर्ज पर बहुत से शहरों पर शुरू की जा रही है। हम आशा करते है कि ऐसा प्रेरणादायी कार्य की देखरेख उचित पैमानों के साथ की जाए।