संवाददाता भीलवाड़ा। प्रदेश का प्रत्येक व्यक्ति एक महीने के लिए अनुशासित जीवन जीते हुए कोरोनावायरस से बचाव संबंधी गाइडलाइन की पालना करें। विशेषकर मास्क पहनें, सोशल डिस्टेंस की पालना करें तो प्रदेश में कोरोना की चेन को तोड़ा जा सकता है। देश के प्रतिष्ठित डाॅक्टर्स का भी यही मानना है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग व सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग मंत्राी और जिले के प्रभारी डाॅ. रघु शर्मा ने शनिवार को पाॅलिटेक्निक काॅलेज परिसर में कोविड-19 के विरुद्ध जन आंदोलन की शुरुआत करते हुए यह बात कही।
डाॅ. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्राी अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार ने कोरोनावायरस की रोकथाम एवं नियंत्राण की दिशा में अभी तक बेहतर प्रदर्शन किया है, किंतु लगातार बढ़ते संक्रमितों की संख्या से कम्युनिटी संक्रमण की स्थिति पैदा हो गई है। इस स्थिति से पार पाने का एकमात्रा उपाय उपाय है अनुशासन की पालना करना। देश के प्रतिष्ठित डाॅक्टर्स ने भी स्पष्ट कर दिया है कि लाॅकडाउन समाधान नहीं है। एक माह तक ’’नो मास्क – नो एंट्री’’ का नियम अपनाते हुए कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ सकते हैं। मुख्यमंत्राी के नेतृत्व में प्रदेश में महात्मा गांधी जयंती से कोरोना के विरुद्ध जन आंदोलन प्रारंभ किया गया है। आंदोलन के दौरान चयनित राजकीय विभाग लगभग एक करोड़ मास्क बाटेंगे और आवश्यकता होने पर अतिरिक्त मास्क की व्यवस्था की जाएगी। इस दौरान आम आदमी को जागरूक करने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार अपने सभी संभव प्रयास कर रही है। पर्याप्त मात्रा में आॅक्सीजन सिलेंडर सप्लाई सुनिश्चित करने, वेंटिलेटर व बेड की संख्या बढ़ाने, लोगों को जानकारी व सहायता उपलब्ध कराने हेतु हेल्पडेस्क की स्थापना आदि कदम उठाकर संक्रमितों तो राहत प्रदान की जा रही है, किंतु इस महामारी से लड़ने का एकमात्रा तरीका इससे बचाव ही है जब तक की कोई दवा और वैक्सीन नहीं आ जाती।
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