एचजेएस पेपर में सरकार द्वारा संवैधानिक निरादर पर बाबत ज्ञापन सौंपा

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हनुमानगढ। एक नूर खालसा फौज ने महामहिम राज्यपाल के नाम अतिरिक्त जिला कलेक्टर को एचजेएस पेपर में सरकार द्वारा संवैधानिक निरादर पर बाबत ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन से पूर्व जंक्शन भगत सिंह चौक पर जिलाध्यक्ष गुरजण्ट सिंह धौलीपाल के नेतृत्व में राज्य सरकार का पुतला फुककर विरोध दर्ज करवाया। ज्ञापन के माध्यम से प्रदेश प्रवक्ता कुलदीप सिंघ हनुमानगढ़ ने बताया कि पहले भी परीक्षाओं में सिक्ख बच्चों से संवैधानिक गलती कर उनके साथ दुर्वव्यहार किया जाता है, और उन्हे परीक्षा देने से रोका जाता है।

इससे संविधान सांसद, उच्च न्यायालय, राष्ट्रपति भवन, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर, खास कर संविधान के धारा 25 व 25बी का अपमान किस साजिश के तहत करते है. ये अभी तक गम्भीर विषय है। अगर सिक्खा रेजीमेंट पांच ककारों के साथ देश के लिए बलिदान देने के लिए तैयार रहती है। वर्तमान में सांसद चुनकर आये सांसद जो कि अमृतधारी थे। उन्होंने वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरू जी की फतेह के जयघोष के साथ शपथ ग्रहण किया और संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी को टोकते हुए कहा कि अगर आपकों सिक्ख धर्म की जानकारी नहीं तो पहले एसजीपीसी व गृह मंत्रालय से सम्पर्क कर जानकारी लेकर वक्तव्य देना चाहिए। परीक्षा लेने वाली टीम के सदस्य जिन्होने राजस्थान हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट और पहले की वसुन्धरा सरकार का दिया हुआ लिखित में सिक्खों को आश्वासन और उस वक्त के निर्वाचित राठौड़ जो कि मंत्री थे. उन्होने सिक्खों से बात कर जो सिक्ख प्रभावित हुआ था, उसे राजस्थान सरकार ने नौकरी उसकी योग्यता अनुसार दी और वो अभी राजस्थान की सेवा कर रहा है।

सिक्ख कौम के 18 बच्चों को जिन्हे वंचित किया गया है. जोधपुर में परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया तो उनके लिए क्या सोचेगी राज्य सरकार, इसके लिए जो घटित हुआ है. कमेटी गठित कर परीक्षा अधिकारियों पर कार्यवाही हो, और राज्य सरकार सदन में वसुन्धरा सरकार की तरह घोषणा करें कि सिक्खा भावनाओं, उच्च न्यायालय, सिक्ख रेजीमेंट, भारतीय संविधान, सांसद का अनादर नहीं करेगी। एकनूर खालसा फौज राजस्थान ने ज्ञापन देकर चेतावनी दी है कि अगर भविष्य में ऐसा कृत्य होता है तो सिख समुदाय एकजुट होकर सड़के जाम करेगा और आन्दोलन उग्र करेगा। इस मौके पर जिलाध्यक्ष गुरजंट सिंह, किसान नेता चरणजीत सिंह शेरगढ़, गोरा सिंह, जरनैल सिंह, जोरा सिंह, साधु सिंह धोलीपाल, कुलवंत सिंह मलकोका, अवतार सिंह, दर्शन सिंह सरां, मन्दर सिंह, मेजर सिंह, जंटा सिंह, बोता सिंह, गरजा सिंह, शमशेर सिंह, बख्तावर सिंह, अजित सिंह सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।

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