न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद करने सहित नौ सूत्री मांगों का ज्ञापन

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हनुमानगढ़। जिला कांग्रेस कमेटी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद करने व बिजली बिलों में स्थाई शुल्क की दरें बढ़ाने के निर्णय पर रोक लगाने की मांग की है। डीसीसी अध्यक्ष सुरेन्द्र दादरी के नेतृत्व में कांग्रेस पदाधिकारी व जनप्रतिनिधियों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को नौ सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा। अध्यक्ष दादरी ने कहा कि भाजपा सरकार किसान हितैषी होने का ढोल पीट रही है, परन्तु हकीकत में भाजपा सरकार किसान-मजदूर व गरीबों के घोर विरोधी निर्णय लेती आ रही है। आज किसान भारी परेशानी में है, किसानों की फसलों को औने-पौने दामों में बेचा जा रहा है।

इससे किसानों के साथ-साथ हर वर्ग अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि धान की फसल पक कर बाजार में आना शुरू हो गई है जिसकी खरीद का सरकारी मूल्य 2300 रुपए रखा गया है, परन्तु धान की फसल बाजार में 1800 रुपए प्रति क्विंटल बिक रही है। इससे किसान को करीब 10 हजार रुपए प्रति बीघा का नुकसान हो रहा है। इसी तरह मूंग, मूंगफली, नरमा व बाजरा की फसल भी जल्द ही बाजार में आ जाएगी। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार की ओर से खरीद नहीं होने से इन फसलों के भी किसानों को वाजिब दाम नहीं मिलेंगे। ऐसे में समय से ही धान, मूंग, मूंगफली, नरमा व बाजरा की फसल को सरकारी दामों से खरीद के लिए सम्बंधित एजेंसियों को अभी से पाबंद किया जाए ताकि किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम मिल सके।

जिला प्रमुख कविता मेघवाल ने कहा कि सभी तरह की भूमियों का इन्तकाल ऑनलाइन होने लग गए हैं। अधिकारीयों व कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से 2-2 माह तक के इन्तकाल दर्ज नहीं हो रहे हैं। इसका मुख्य कारण आम किसान को इस ऑनलाइन प्रक्रिया का ज्ञान नहीं होना है। किसान अपने इन्तकाल के कागजात पटवारी या उनके आगे के दलाल को दे देते हैं। पटवारी व दलाल जिस किसान का हित चाहे उसका करवा देते हैं बाकि वैसे ही पड़े रहते हैं। इसमें सुधार करवाकर विज्ञप्ति जारी की जाए ताकि किसान किसी भी प्रकार की ठगी का शिकार न हो और इन्तकाल दर्ज करवाने की समस्त प्रक्रिया की ट्रेनिंग ई-मित्र पर दी जाए।

पीसीसी सचिव मनीष मक्कासर ने कहा कि भाजपा सरकार की ओर से वर्तमान में बिजली के बिलों में स्थाई शुल्क की दरों को बढ़ाकर व फ्यूल सरचार्ज दोबारा लगाकर आमजन पर आर्थिक बोझ डालने का जनविरोधी निर्णय लिया गया है। इस पर अविलम्ब रोक लगाई जाए। उन्होंने बताया कि हनुमानगढ़ जिले में उपभोक्ताओं की ओर से नए विद्युत कनेक्शन के लिए डिमाण्ड राशि जमा करवाए 9 महीने से ज्यादा समय गुजरने के बाद र्भी विद्युत विभाग की ओर से नए कनेक्शन नहीं दिए जा रहे। विद्युत विभाग के पास नए बिजली मीटर एवं ट्रांसफार्मर सहित अन्य सामान नहीं होने का बहाना बनाकर उपभोक्ताओं के साथ छलावा किया जा रहा है। पीसीसी सदस्य भूपेन्द्र चौधरी ने कहा कि राजस्थान प्रदेश के साथ-साथ हनुमानगढ़ जिले में भी बढ़ते नशे के कारोबार से कानून व्यवस्था चौपट हो गई है। इससे हत्या, डकैती, बलात्कार, चेन स्नेचिंग, गैंगवार की घटनाएं आए दिन होती हैं। जिले में चिट्टे नामक नशे का कारोबार चरम सीमा पर है। कम उम्र के बच्चों में भी इस नशे का प्रकोप बुरे तरीके से फैलता जा रहा है।

इस नशे को रोकने पर पुलिस प्रशासन नाकाम है। शराब की अवैध संचालित दुकानों से भी अपराधों में बढ़ोतरी हुई है और अपराधी बेखौफ होकर घूमते हैं, इससे आमजन भयभीत है। महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। इनका घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। गम्भीर अपराधों से प्रदेश शर्मसार है। ज्ञापन में किसानों की भूमि को नीलाम होने से तुरंत रोकने, डीआरटी व्यवस्था को समाप्त कर जिला स्तर पर कमेटी से ही किसानों की समस्याओं का निस्तारण करवाने, अतिवृष्टि के कारण किसानों की फसलों की गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिलवाने एवं अतिवृष्टि के कारण गांव व शहरों में कच्चे मकानों के हुए नुकसान का सर्वे करवाकर उनकी क्षतिपूर्ति करवाने की व्यवस्था करने, मनरेगा योजना में बकाया तीन पखवाड़े की मजदूरी जारी करने, संगरिया तहसील नुकेरा गैंगरेप प्रकरण में पीडि़त नाबालिग बहनों को न्याय दिलवाने की मांग की गई। इस मौके पर पूर्व प्रधान दयाराम जाखड़ व जयदेव भिड़ासरा, ब्लॉक अध्यक्ष जिनेंद्र जैन व संदीप सिंह सिद्धू, पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष गुरमीत चंदड़ा व मनोज सैनी मौजूद रहे।

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