धान की समर्थन मूल्य पर खरीद के लिये खरीद केंद्र बनाए जाने की मांगों को लेकर ज्ञापन

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हनुमानगढ़।समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा गेहूं खरीद ऑफलाइन करने,कच्चा आडतिया व्यापारियों को आड़त 1.75 रुपये से 2.25 रूपये प्रति सैंकड़ा की दर से लागू करने,खाली बारदाना की व्यवस्था करवाने,धान की समर्थन मूल्य पर खरीद के लिये खरीद केंद्र बनाए जाने की मांगों को लेकर हनुमानगढ़ जिला खाध व्यापार संघ ने मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन अतिरिक्त जिला कलेक्टर अशोक असीजा को सौंपा। संघ के जिला अध्यक्ष कृष्ण कुमार जैन ने बताया  कि समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा गेहूं खरीद वर्ष 2020-21के दौरान एफसीआई एवं अन्य खरीद एजेंसी के माध्यम ने ऑनलाइन टोकन व्यवस्था से खरीद किये जाने के लिए जोर दे रही है।किसान मजदूर की भांति दिन एवं रात अपने खेत में काम कर कड़ी मेहनत से आपनी फसल को तैयार करता है और कटाई कर अनाज निकाल कर मंडी में विक्रय हेतु आता है।अगर किसान ऑनलाइन टोकन जारी करवा अल्प मात्रा में फसल मंडी में लाकर बेचान करेगा तो किसान का गेहूं कई दिनों तक मंडी में नही पहुंच पायेगा ओर फसल भंडारण के साधनों के अभाव में फसल की गुणवत्ता में भी कमी आएगी।इस व्यवस्था से ई मित्र,कम्प्यूटर सेंटर जा कर किसान का समय टोकन पंजीकरण में व्यर्थ खर्च होगा। इसलिए गेहूं खरीद को ऑफलाइन प्रक्रिया द्वारा पूर्व में चली आ रही रीति केअनुसार  खरीद की जाएI सचिव अजय सर्राफ ने बताया कि राजस्थान में सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर कृषि जिंसों की खरीद किये जाने पर आढ़त राशी पूर्व में 2.25 रुपये प्रति सेंकडा की दर से कच्चा आढ़तिया व्यापारी को प्रदान की जाती रही है जिससे कच्चा आड़तिया व्यापारी का स्वयं का परिवार एवं  मुनीम, तोला, हम्माल एवं अन्य  मजदूरो के परिवारों का भरण पोषण किसानों को मंडी में फसल बेचान के लिए सुविधा,बारिश,आंधी आदि से किसान की खुले में पड़ी फसल का संरक्षण एवं सुरक्षा भी करता है परन्तु वर्तमान सरकार द्वारा व्यापारी वर्ग कि आड़त दर 2.25 में घटाकर 1.75 रुपए प्रति सैंकड़ा कर कच्चा आड़तिया के हितो पर प्रहार किया गया है। कोषाध्यक्ष प्यारेलाल बंसल ने बताया कि वर्तमान मेंं गेेंहू की फसल पककर तैयार है और कटाई प्रारम्भ होने वाली है तथा मंडी में किसान द्वारा अपनी फसल लाये जाने में कुछ ही समय शेष है परन्तु सरकारी खरीद एजेंसी द्वारा गेहूं खरीद के लिए पर्याप्त मात्रा मे खाली बारदाना की कोई व्ययस्था नही की गयी है । समय रहते खाली बारदाना की व्यवस्था होने पर किसानो की फसल सुगमता से सरकार के भण्डारण केन्द्रों पर सुरक्षित एवं संरक्षित रूप से भंडारित हो सकेगी ओर किसानो को बारदाना कि अनुपलब्धता के कारण होने वाली अनावश्यक परेशानी भी नही होगी।

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