सरपंच संघ की प्रदेश कार्यकारिणी द्वारा मुख्यमंत्री को ज्ञापन

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हनुमानगढ़। पंचायत समिति क्षेत्र के समस्त सरपंच गणों के द्वारा सरपंच संघ की प्रदेश कार्यकारिणी द्वारा मुख्यमंत्री  को ज्ञापन एवं प्रदेश की समस्त पंचायत समितियों में वित्त विभाग के आदेश दिनांक 24.12.2020 व पंचायत राज विभाग के आदेश क्रमांक 131 दिनांक 8-1-2021 की होती दहन किया गया, व विकास अधिकारी के माध्यम से 1 माननीय मुख्यमंत्री महोदप, 2 माननीय मुख्य सचिव महोदय, 3. अतिरिक्त मुख्य सचिव महोदय, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग एवं 4-प्रमुख शासन सचिव महोदय वित्त विभाग राजस्थान सरकार जयपुर के नाम ज्ञापन श्रीमान विकास अधिकारी महोदय को दिया गया एवं सरकारी आदेशों की होली जलाई गई विदित हो कि पंचायती राज संस्थाओं को सर्वाधिक अधिकार प्रदान करने हेतु 73 वा संविधान संशोधन किया गया था लेकिन माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा वर्तमान कार्यकाल में विगत 2 वर्षों से कुछ प्रशासनिक अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा पंचायती राज संस्थाओं को प्रशासनिक एवं वित्तीय हितों पर लगातार बु्ठाराधात किया जा रहा है गित 2 वर्षों में केंद्रीय वित्त आयोग की राशि के अतिरिक्त राज्य वित्त आयोग का एक भी रुपया ग्राम पंचायत को हस्तातरित नहीं किया गया, यहां तक की राज्य वित्त आयोग पंचम की सिफारिश के अनुसार वर्ष 2019-20 में 4000 करोड़ रुपयों में से एक भी रुपया का स्थानांतरण प्राम पंचागतों में नहीं किया गया दिनांक 30 अक्टूबर 2019 को ग्राम पंचायतों की राशि 1086 करोड़ रुपए हस्तोतरण की स्वीकृति राज्य सरकार के द्वारा जारी की गई लेकिन यह राशि भी ग्राम पंचायतों को आज दिनांक तक हस्तांतरित नहीं की गई राज्य वित्त आयोग की द्वितीय तृतीय किस्त की राशि भी लगभग 3000 करोड़ रुपए आज दिनांक तक पंचायतों को हस्तांतरित नहीं की गई इसके अतिरिक्त छठवे वित्त आयोग का भी गठन नहीं किया गया इससे ग्राम पंचायतों की प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है एवं कार्यालय के प्रशासनिक संचालन के साथ ही जनप्रतिनिधियों व मानदेय कर्मियों का भत्ता भुगतान करने के लिए भी ग्राम पंचायतों में राशि उपलब्ध नहीं है इसी प्रकार ग्राम पंचायतों के चुने हुए जनप्रतिनिधि सरपंचों को ग्राम पंचायत स्तर पर गठित को समिति का अध्यक्ष तो बनाना दूर सदस्य भी नहीं बनाया गया सरपंच गणों को प्रशासनिक रूप से बहुत अधिक कमजोर कर दिया गया जहां एक और पंचायती राज संस्थाओं को पांच विभागों का हस्तांतरण एवं नियंत्रण दिया जा रहा है वहीं दूसरी ओर सरपंच साहिबान को ग्राम पंचायत में संचालित विद्यालय के प्रधानाध्यापकों के अधीन कर दिया गया है राजस्थान सरपंच संघ इसकी कड़ी निंदा करता है साथ ही सरपंच संघ ने निर्णय लिया है कि कोई भी सरपंच कोषालय एवं उप कोषालय में डीडीओ कोड जनरेट नहीं करवाएगा ना ही लोगिन आईडी बनाने के लिए कोई दस्तावेज प्रस्तुत करेगा यदि सरकार द्वारा वित्त विभाग के निर्णय को आगामी तीन दिवस में प्रस्थाहरित करवा कर अनुग्रहित नहीं किया गया तो प्रदेश के समस्त सरपंच मजबूरन पंचायत राज संस्थाओं के संवैधानिक वटित्तीय हितो की सुरक्षा हेतु आंदोलनात्मक कदम उठाएंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी ।

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