पशु चारा व्यापारियों की बैठक, निजी मण्डियों के शोषण पर चर्चा

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हनुमानगढ़। राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के व्यापारियों की एक संयुक्त बैठक सोमवार को जिला मुख्यालय पर आयोजित की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य पशु चारा के व्यापार में हो रहे शोषण और इससे संबंधित समस्याओं का समाधान ढूंढना था। इस बैठक में व्यापारियों ने निजी मण्डियों के माध्यम से हो रहे व्यापारियों के शोषण पर गहरी चिंता जताई और इसके खिलाफ आगामी रणनीति तैयार की।
बैठक में शामिल व्यापारियों ने बताया कि वे ट्रैक्टर-ट्रॉली, कैंटर और अन्य वाहनों के माध्यम से जयपुर पशु चारा ले जाने का कारोबार करते हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से सरकारी मण्डी बंद होने के बाद से निजी मण्डियों का दबदबा बढ़ गया है। इन मण्डियों में व्यापारियों को अलग-अलग दरों पर चारा बेचा जाता है और कई बार उन्हें शोषण का सामना करना पड़ता है। व्यापारियों ने यह भी आरोप लगाया कि मण्डी के अधिकारियों और निजी माफिया के बीच मिलीभगत के चलते यह शोषण जारी है।
व्यापारी असकर अली ने बताया कि चौमू मण्डी में एक समय सरकारी मण्डी हुआ करती थी, लेकिन 2017 में इसे बंद कर दिया गया। इसके बाद से वहां निजी मण्डियां संचालित होने लगीं, जहां व्यापारियों को मनमाने दरों पर चारा बेचा जाता है। असकर अली ने प्रशासन से कई बार अनुरोध किया था कि सरकारी मण्डी फिर से शुरू की जाए, लेकिन इसके बावजूद वहां के प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है। उनका कहना था कि अब प्रशासन और माफिया की मिलीभगत के कारण निजी मण्डियां फिर से चल रही हैं, जिससे व्यापारियों की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है।
व्यापारियों का आरोप है कि इन मण्डियों में अलग-अलग रेट पर चारा बेचा जाता है। जब वाहन मण्डी में प्रवेश करते हैं, तो उन्हें अलग-अलग टालों पर भेज दिया जाता है, जिससे प्रत्येक वाहन से 20 से 30 रुपए कम कर लिए जाते हैं। इसके बाद, व्यापारियों से ‘काटा’ लगाया जाता है। व्यापारियों के लिए यह स्थिति अत्यंत परेशानियों का कारण बन चुकी है, क्योंकि इस शोषण के चलते उनका कारोबार धीरे-धीरे समाप्त होने की कगार पर पहुंच चुका है।
तरसेम सिंह ने बताया कि राजस्थान के चौमू में पहले सरकारी मण्डी थी, लेकिन 2017 में इसे बंद कर दिया गया। इसके बाद निजी मण्डियों का शिकंजा कसने लगा, जिससे पिछले पांच से सात वर्षों से व्यापारियों का शोषण हो रहा है। उन्होंने सरकार से यह मांग की कि सरकारी मण्डियों को फिर से शुरू किया जाए ताकि व्यापारियों को न्याय मिल सके और उनका शोषण बंद हो।

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