चार फायर ब्रिगेड ने भी बड़ी मुश्किल से पाया काबू,लाखो का नुक़सान।
संवाददाता भीलवाड़ा। क्षेत्र के डाबला कचरा में बीती रात दो बाड़ों में भीषण आग लगने से लाखों का नुकसान हुआ। मांगीलाल माली ने जानकारी देते हुए बताया कि रात 12:00 बजे दो बाड़ों में आग लगने से लाखों का नुकसान हुआ है। रात 12:00 बजे लगी आग पर सुबह 6:00 बजे 4 फायर ब्रिगेड व 5 टैंकरों सहित चंबल की टंकी से पानी गड्डों में भरा व ट्रैक्टर के मोटर लगाकर काबू पाया गया।गनीमत रही कि किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।शाहपुरा पुलिस थाने पर लेंड लाइन पर फोन करने पर फोन नहीं उठाया गया जिससे 100 नंबर पर फोन करने पर 2 घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची।जानकारी के अनुसार बीती रात डाबला कचरा में रातीजगा कार्यक्रम होने से ग्रामीण जग रहे थे। जिससे ग्रामीणों ने आग की लपटें देखी ओर लोगो को आवाज लगाई जिससे गांव में हड़कंप मच गया मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने फायर ब्रिगेड को फोन किया जिससे 4 घंटे बाद भीलवाड़ा,जहाजपुर, आगुचा से 5 फायर ब्रिगेड पहुंची। फायर ब्रिगेड आने तक ग्रामीणों ने दौड़ भाग कर जैसे तैसे कोशिश की पर आग इतनी भयानक थी कि काबू नहीं हो पाई। दो बाड़ों में आग लगने से 5 भाईयो का 180 ट्रॉली चारा व खाखला जलकर राख हो गया साथ ही बाड़े में बना छपरा भी जल गया।3 घंटे बाद 4 फायर ब्रिगेड पहुंची जिससे बड़ी मुश्किल से भयानक आग पर काबू पाया गया।जानकारी के अनुसार 2 फायर ब्रिगेड भीलवाड़ा,1 जहाजपुर,1 आगुचा हिंदुस्तान जिंक से पहुंची।तथा ग्रामीणों ने दौड़ भाग कर 5 टैंकरों व ट्रैक्टर के इंजन से ओर चंबल की टंकी से गड्डो में पानी भर कर आग पर सुबह 6 बजे काबू पाया गया।6 घंटे की बड़ी मशक्कत के बाद 4 फायर ब्रिगेड व 5 ट्रैक्टरों ओर ग्रामीणों ने बड़ी मुश्किल से आग पर काबू पाया। गनीमत रही कि किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई व समय रहते आग पर काबू पा लिया जिससे आस पास के बाड़ों में आग नहीं पहुंची।प्रशाशन को जल्दी सूचना दे दी गई लेकिन दूसरे दिन सुबह पहुंचे गिरदावर व अधिकारी,शाहपुरा पुलिस देर रात मौके पर पहुंची।4 घंटे तक जेसीबी से जले हुए चारे को अलग थलग किया गया तब जाकर आग पर काबू पाया गया।जानकारी के अनुसार मोहन पिता रामा माली,रामपाल पिता मोहन माली,छगन पिता मोहन,मांगीलाल पिता मोहन माली,रामकिशन पिता मोहन माली व पड़ोसी मोडू पिता खाना माली,सुखदेव पिता नाना माली का चारा दो बाड़ों में पड़ा था जिसमें आग लगने से लाखों का नुक़सान बताया जा रहा है।
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