हनुमानगढ़। दूल्हे ने बिना दहेज के शादी की। शिक्षाविद महेन्द्र लाठर के पुत्र अभिषेक ने दहेज में केवल एक रुपया और नारियल ले सादगी से विवाह रचाया। शगुन के तौर पर एक रुपया और नारियल लिया। दूल्हे ने समाज के लिए एक मिसाल प्रस्तुत की। बिना दहेज शादी की। ससुराल पक्ष से केवल एक रुपया और नारियल लेकर दुल्हन को विदा कराकर घर लाया। दूल्हे की इस फैसले की तारीफ हो रही है। युवक अभिषेक पुत्र महेंद्र लाठर ने गोलूवाला निवादान के निवासी रामप्रताप गोदारा की पुत्री सुमित्रा के साथ रचाए विवाह में शुगन के तौर पर एक रुपया और नारियल लेकर एक मिसाल कायम की है। पार्षद मंजू सुनील ढाका ने बताया कि वार्ड नंबर 32 के निवासी महेंद्र लाठर ने जाट समाज में एक अनूठी मिसाल कायम करते हुए बेटियों को किसी प्रकार का बोझ न समझने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि महेंद्र लाठर से प्रेरणा लेकर समाज के अन्य सक्षम व्यक्तियों को भी दहेज प्रथा का विरोध करते हुए बिना किसी दहेज के विवाह करने चाहिए जिससे कि बेटा बेटी का भेद खत्म होगा। दरअसल, अभिषेक के पिता महेंद्र लाठर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मुंडा में भौतिक विज्ञान के व्याख्याता है और शुरु से ही लड़कियों को उच्च शिक्षा देने का हिमायती रहे है। साथ ही दहेज प्रथा, भ्रुण हत्या और नशे जैसी बुराइयों का कड़ा विरोधी रहा। जब उसके रिश्ते की बात बेटी सुमित्रा के साथ चली तो पिता महेंद्र लाठर व उनके पुत्र अभिषेक ने पहले ही दहेज न लेने की बात स्पष्ट कर दी थी।
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