मनुष्य को अपने कर्म से कभी मुंह नहीं मोड़ना चाहिए नानी बाई मायरा कथा में बोले महंत रामझूलन:दास महाराज

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संवाददाता शाहपुरा- शाहपुरा भीलवाड़ा ग्राम बलिया में संत गणपत दास जी महाराज के सानिध्य में चल रहे नानी बाई के मायरे की कथा में अंतरराष्ट्रीय दादू पंथ संप्रदाय के युवा महंत श्री रामझूलन दास जी महाराज ने कहा कि ना कर्म को नकारा जा सकता है ना भाग्य को अनदेखा किया जा सकता है शरीर रूपी लॉकर की एक चाबी भगवान के पास है जिस दिन भाग्य की चाबी भगवाने लगा दी तब आनंद ही आनंद है मनुष्य को अपने कर्म से कभी मुंह नहीं मोड़ना चाहिए जिस प्रकार नरसी मेहता ने नानी बाई के मायरे के लिए भगवान के समक्ष पत्रिका रखकर अपना कर्म करते हुए मायरे की तैयारी की जब सभी दरवाजे बंद हो तब मेरे ठाकुर का दरवाजा खुलता है महाराज ने कहा कि मनुष्य को कभी सत्ता संपदा का अहंकार नहीं करना चाहिए एक सुई भी मनुष्य साथ नहीं ले जा सकता तो फिर अहंकार के साथ आज हालात यह है कि मनुष्य दुख में ही भगवान के पास जाता है ऐसा सुख किस काम का जो भगवान को भुला दे समय का कोई भरोसा नहीं हमेशा मनुष्य को सेवा और प्रकार के कार्य करना चाहिए.

राम भजन संत दर्शन और परोपकार ही साथ जाते हैं संगीतमय कथा में मधुर भजन धारा काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी मैं पूछूं पंडित जोशी सांवरियो है सेठ म्हारी राधा जी सेठानी सांवरिया प्यार आजा आदि भजनों से श्रोता झूम उठे महाराज ने कहा कि भक्ति के मार्ग पर चलना खांडे की धार पर चलने के समान है संत श्री ने दिन में दादू वाणी की कथा करते हुए संतो की महिमा का वर्णन किया पर उपकारी संत जन आए एहि कली माई पीवे पिलावे राम रस आप स्वार्थ नाय इस दौरान महंत रामदास जी चेतन दास भगवान दास जी रामेश्वर दास जी कालू दास जी सुखराम दास जी आदि संत उपस्थित थे

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