आंदोलन खत्म: 6 महीने का भरोसा लेकर लौटे 6 दिन पैदल चलकर आए किसान, देखें तस्वीरें

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मुम्बई: आखिरकार महाराष्ट्र सरकार 30 हजार किसानों को मानने में कामयाब रही। किसानों ने सोमवार शाम को अपना आंदोलन वापस ले लिया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि हमने ज्यादातर मांगें मान ली हैं। हमने एक लिखित आश्वासन भी दिया है।

उधर, मंत्री विष्णु सावरा ने कहा कि छह महीने के अंदर इन मांगों पर काम शुरू हो जाएगा। बता दें कि किसानों की यह रैली 6 मार्च को नासिक से शुरू हुई थी। तकरीबन 180 किलोमीटर का सफर पूरा कर सोमवार तड़के मुंबई के आजाद मैदान पहुंची थी। इन्होंने विधानसभा का घेराव करने की चेतावनी दी थी।

आपको बता दें आंदोलन खत्म करने के बाद किसानों को उनके घर तक पहुंचने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग सरकार ने मान ली। मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से यह दोनों ट्रेनें शाम 8:50 बजे और रात 10 बजे रवाना होंगी। एक ट्रेन भुसावल तक और दूसरी नागपुर तक जाएगी।
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30 हजार किसानों की तारीफ की जाए कम है-
किसान अपने हक के लिए लड़ रहा है लेकिन अपनी जिम्मेदारियों को याद रखते हुए। खबर है कि 3000 हजार किसानों ने नंगे पैर चलकर देर रात मुंबई इसलिए पहुंचे कि क्योंकि सोमवार को दसवीं के स्टूडेंट्स के एग्जाम है। उनकी वजह से सड़क पर जाम ना लगे इस कारण 30 हजार किसान बिना रूके देर रात मुबई के आजाद मैदान पहुंचे।

मुंबई वालों ने किया दिल खोलकर स्वागत-
मुंबईवासियों द्वारा दिल खोलकर इतनी बड़ी संख्या में पहुंचे किसानों का स्वागत किया गया। जगह-जगह पर ट्री स्टॉल, नाशता आदि की सेवा मुफ्त में की।

इन पार्टियों ने किया सपोर्ट-

कांग्रेस, शिवसेना, मनसे, एनसीपी और लेफ्ट समेत विपक्ष हर पार्टी ने इस आंदोलन को सपोर्ट किया। रविवार देर रात किसानों से मिलने पहुंचे राज ठाकरे ने कहा, “उन्हें को जब भी मेरी जरूरत होगी, मैं हाजिर हो जाऊंगा।” कांग्रेस ने पहले ही इस मोर्चे को समर्थन दे दिया है।
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क्या है मांगे-

किसान पूरे कर्ज और बिजली बिल माफी के अलावा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग रखी है। बीजेपी सरकार ने किसानों से किए गए वादों को पूरा न करके उनके साथ धोखा किया है।  सरकार विकास, हाईवे और बुलेट ट्रेन के नाम पर जबर्दस्ती किसानों की जमीन छीनना बंद कर दे।

पिछले साल राज्य की बीजेपी सरकार ने सशर्त किसानों का 34 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफी करने का एलान किया था। इसके बाद जून से अब तक 1753 किसानों ने खुदकुशी कर ली है।”

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