राजस्थान: जोधपुर में दिसम्बर व जनवरी के माह से हाईटेंशन बिजली लाइनों के टूटने का खतरा अक्सर बना रहता है। इन लाइनों के टूटने से बड़े इलाके की बिजली बंद हो जाती है। इस खतरे से निपटने के लिए विद्युत प्रसारण निगम पुराने उपकरणों को तुरंत प्रभाव से बदलने में जुट गया है। साथ ही हाईटेंशन लाइनों की पेट्रोलिंग शुरू कर दी गई है। बड़े जीएसएस तक पहुंचने वाली 132 केवी लाइनों पर लगातार नजर रखी जा रही है।
जोधपुर से आती हैं बड़ी लाइनें:
जोधपुर में मेड़ता के 400 केवी जीएसएस व कोटा से आने वाली 132 केवी लाइनों के माध्यम से बिजली संचारित होती है। यह बिजली सुरपुरा स्थित 400 केवी जीएसएस पर आती है। यहां से पश्चिमी राजस्थान को बिजली जाती है। एेसे में बड़े स्तर पर हाईटेंशन लाइनें गुजरती हैं। चार दिन पूर्व कोहरे के चलते बोरूंदा-बिलाड़ा 132 केवी बिजली लाइन व देचू-सांवरी 132 केवी बिजली लाइन टूट गई और इसमें फॉल्ट आ गया था। इससे दो दर्जन गांवों की बिजली पूरे दिन बंद रही थी।
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क्यों बढ़ता खतरा:
एल्यूमिनियम मेटीरियल काम में लिया जाता है, वह सर्दियों में सुकड़ता है और गर्मियों में फैलता है। सर्दी व कोहरे के हालात में ओस गिरती है। इससे लाइनों के तारों की लम्बाई प्रभावित होती है। साथ ही ओस से इंसुलेटेड पर कार्बन आ जाता है। इससे लाइनें टूट जाती हैं।