शाजापुर: जिले में पिछले साल की तरह इस बार प्याज गोदाम नहीं बन सकेंगे क्योंकि शासन ने महज 25 मीट्रिक टन भंडारण क्षमता वाले 25 गोदाम बनाने का लक्ष्य ही दिया है। जबकि जिले में पिछले साल में 200 से ज्यादा गोदाम बनाये जाते थे ऐसे में प्याज के भण्डारण के लिए किसानों के सामने बड़ी परेशानी सामने आ गयी हैं। जहाँ प्याज का अच्छा उद्पादन होता है मंडियों में बम्पर आवक होने से प्याज के दाम में असर पड़ेगा इस कारण से किसानों को इसका नुकसान उठाना पडेग़ा।
प्रदेश के 23 प्याज उत्पादक जिलों में शाजापुर काफी महत्वपूर्ण है। शाजापुर के प्याज की पूछ-परख प्रदेश की नहीं बल्कि देशभर में हैं इसके रंग व् स्वाद के चलते इसे हाथों हाथ खरीदा जाता है। जिले में प्याज का बम्पर उत्पादन होने के बावजूद सीजन के समय उन्हें उचित दाम नहीं मिल पाते है ऐसे में किसानों के सामने समस्या आती हैं। इसके लिए शासन द्वारा पिछले कुछ समय से प्याज गोदाम बनाये जाने के लिए किसानो को प्रेरित किया जा रहा हैं।
पहले बांस व् बल्लियों के प्याज गोदाम बनाये जाते थे लेकिन न दो साल पहले शासन ने मल्टीपरपस प्याज गोदाम बनाने के लिए योजना बनाई। इसका लाभ यह हुआ की मल्टीपरपस गोदाम पक्का होने के कारण इसमें प्याज खत्म होने के बाद दूसरे फसलों को भी रख सकते है पहली बार जिले में पिछले सत्र में एक साथ करीब 206 प्याज गोदाम बना लिए गए। शासन ने किसानों को प्याज बनाने के लिए नियमनुसार अनुदान की राशि सौपी। जानकारी के अनुसार 3 करोड़ 37 लाख से ज्यादा की राशि किसानों को सोंपी गई इस बार 25 का लक्ष्य प्याज भण्डारगृह 50 एवम् 25 मैट्रिक टन दो तरह के बनाये जाते हैं।
पिछले साल में नश्वर उत्पाद भण्डारगृह योजना के तहत जिले में दोनों तरह के मल्टीपरपस गोदाम बनाये जाने को लेकर स्वीकृति मिली थी लेकिन इस बार राष्ट्रीय उधानिकी मिशन के तहत सिर्फ 25 मीट्रिक टन क्षमता वाले 25 गोदामों को लेकर लक्ष्य दिया गया है। जबकि जिले में प्याज उत्पादक किसानों की संख्या हजारों में हैं।जिले में इस बार आठ हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे में प्याज फसल की बुआई की गई है। इस बार भी लाखों क्विंटल प्याज का उत्पादन होगा लेकिन जिले में जितने प्याज गोदाम की आवश्यकता है उसके मुकाबले नए गोदामो की संख्या बहुत कम है।
नाशिक की आवक नेफड तीन माह बाद जिले में पहले सिर्फ एक बार ही प्याज का उत्पादन लिया जाता था लेकिन पिछले कुछ वर्षो में दो बार प्याज की फसल उत्पादित की जा रही हैं। रबी सीजन के आलवा किसान खरीफ फसल सीजन में भी प्याज ले रहे है इसे नासिक प्याज कहा जाता है यह फसल वर्तमान में बाजार में बिकने आ रही है। मंडी में इसके दाम 2 से लेकर 8 रुपये किलो तक है वहीँ अभी खेतो में लगी नेफेड प्याज मार्च -अप्रैल में बाजार में आने लगेगी । यह किस्म की प्याज बड़े पैमाने पर बोई गई है ।इस दौरान सबसे ज्यादा प्याज भण्डार ग्रह की आवश्यकता रहती है क्योंकि बम्पर उत्पादन होने से प्याज के दाम पिछले कुछ साल से उस दौरान लुढ़क जाते हैं।
रिपोर्टर सिद्धनाथ जादव