सादगी की प्रतिमूर्ति थे लाल बहादुर शास्त्री : दादरी

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हनुमानगढ़। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर गुरुवार को टाउन स्थित जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय में पुष्पांजलि कार्यक्रम हुआ। जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र दादरी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेसजनों ने लाल बहादुर शास्त्री की तस्वीर पर माला एवं पुष्प अर्पित कर श्रद्धासुमन अर्पित किए। सभी कांग्रेसजनों ने शास्त्री के व्यक्तित्व व कृतित्व से प्रेरणा लेने का संकल्प दोहराया। जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र दादरी ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री सादगी की प्रतिमूर्ति थे। वे भारतीय इतिहास के एक स्तंभ एवं सादगी के प्रतीक थे। वे स्वभाव से विनम्र, उच्च आत्मसम्मान और नैतिकता के साथ एक उच्च अनुशासित, सहनशील एवं महान व्यक्तित्व के धनी थे। देशहित में शास्त्री का योगदान काफी महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने 26 जनवरी 1965 को देश के जवानों व किसानों को अपने कर्म व निष्ठा के प्रति सुदृढ़ रहने और देश को खाद्य क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से जय जवान जय किसान का नारा दिया। यह नारा देश में आज भी लोकप्रिय है।

दादरी ने कहा कि शास्त्री ने भारत के भविष्य को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपनी सफल कार्यकुशलता के कारण देश में काफी लोकप्रिय प्रधानमंत्री रहे। लाल बहादुर शास्त्री एक कर्मठ व ईमानदार नेता थे। वह अपने बारे में न सोच कर देश की उन्नति व विकास के लिए सोचते थे। उनके जीवन में अनेक विपत्तियां आई लेकिन उन्होंने उनका सामना धैर्य व ईमानदारी से किया। शास्त्री उसूलों के पक्के थे। उन्होंने सबसे पहले महिला उत्थान के बारे में सोचा और महिलाओं को कंडक्टर बनाने व भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज की जगह पानी की बौछार करने का सुझाव दिया। शास्त्री सभी विषयों के जानकार व ज्ञानी पुरुष थे और उन्हें काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय ने शास्त्री जी की उपाधि दी। शास्त्री का नाम भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाता है।

भारतीय इतिहास में उनकी ओर से किए गए उत्कृष्ट एवं सराहनीय कार्यों से हम सभी को प्रेरणा लेने की जरूरत है। पुष्पांजलि कार्यक्रम में जिला प्रमुख कविता मेघवाल, पीसीसी सचिव मनीष गोदारा, पूर्व प्रधान जयदेव भिड़ासरा, कृषि उपज मंडी समिति के पूर्व अध्यक्ष अमरसिंह सिहाग, पीसीसी सदस्य रामेश्वर चांवरिया, एलडी सांखला, ओबीसी जिलाध्यक्ष मनमोहन सोनी, पूर्व सरपंच श्रवण सिंह राठौड़, डीसीसी के पूर्व महामंत्री करणीसिंह, शर्मिला जांगू, महावीर जांगू, भागीरथ सिंह शेखावत, बलदेव राज कुक्कड़, राकेश कुमार सहित कई अन्य कांग्रेसजन मौजूद रहे।

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