संवाददाता भीलवाड़ा। जिनवाणी सुनकर आत्मा को परमात्मा बनाया जा सकता है। आजकल संयुक्त परिवारो का अभाव होने से रिश्ते धीरे – धीरे कम हो रहे है। परिवार के साथ सदैव अच्छे रहो, फिर समाज एवं आमजन के साथ उक्त विचार तपाचार्य जयमाला म.सा. की सुशिष्या साध्वी डॉ चंद्रप्रभा ” चंद्रिका” ने महावीर भवन में धर्मसभा में व्यक्त किये। साध्वी चंदनबाला ने धर्मसभा में कहा कि आत्मा पर कषायों का जमावड़ा हो गया इसको साफ करने के लिए विवेक, तप, त्याग, समन्वय का होना जरूरी है। मानव जीवन बार – बार नही मिलता है, इसको पाने के लिए देवता भी तरसते है। हर व्यक्ति चाहता है कि परिवार में मानसिक शांति बनी रहे, परिवार में शांति होगी तो तन , मन, धन से सुखी रह सकते हो। परिवार में जो वातावरण होगा बच्चे उसी का अनुकरण करेंगे। साध्वी विनीतरूप प्रज्ञा ने कहा कि मानव जीवन अच्छे कर्म करोगे तो दुबारा मिल सकता है, लेकिन जैन कुल मिलेगा या नही यह कहना मुश्किल है। साधु संतों की वाणी आपको अगले जन्म में सुनने को मिले या नही मिले, अभी जो मौका मिला है उसका पूरा सदुपयोग करे। प्रभु ने मानव जीवन दिया है तो सभी को मानवता रखनी चाहिए, मानव जीवन को प्रमाद में नही खोना है महासती जयमाला , साध्वी अनंदप्रभा, साध्वी चंद्रप्रभा के सानिध्य में माँ पदमावती का जाप एवं अनुष्ठान किया गया। धर्म सभा मे आज बदनोर श्री संघ सहित अन्य स्थानों के श्रावक – श्राविका उपस्थित थे। सभी आगन्तुको का महावीर नवयुवक मंडल के अध्यक्ष कमलेश कूकड़ा ने स्वागत किया।
ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुक, ट्विटर, इंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।