संवाददाता भीलवाड़ा सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति कभी दुःखी नही रहते है, बच्चो में माँ के संस्कार ही आते है, इसलिए बच्चों को संस्कारित करने से पहले बच्चे की माँ को अपना जीवन परिवर्तन करना होगा। उक्त विचार महासती जयमाला म.सा. की सुशिष्या साध्वी चंदनबाला ने महावीर भवन में धर्मसभा में व्यक्त किये। साध्वी ने कहा कि हमारे दिल मे दया, करुणा, विवेक होगा तो बच्चों में भी यह संस्कार आयेंगे। जितने भी महापुरुष हुए है वो अच्छे संस्कारो के कारण ही हुए है। दान देने के भाव सदैव मन मे रखे दान देने से ही अमीरी आती है। साध्वी विनीतरूप प्रज्ञा म .सा. ने कहा कि गृहस्थ जीवन मे रहते हुए भी अपना स्वभाव बदले, मन मे जब तक सरलता, करुणा और दया के भाव नही आएंगे तब तक जीवन परिवर्तन नही हो सकता है। साध्वी आनंद प्रभा, डॉ चन्द्र प्रभा, सुरभि म.सा. ने माता पिता की सेवा करने एवं चातुर्मास काल मे अधिक से अधिक तप, त्याग करने का आह्वान किया। धर्म सभा मे मेड़तासिटी से आये श्रावक चन्द्र प्रकाश बिड़ला का संघ के पदाधिकारियों ने स्वागत किया।
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