महाराष्‍ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद गहराया, जानें क्या है दोनों राज्यों का ये विवाद

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कर्नाटक और महाराष्‍ट्र (Karnataka Maharashtra Border) के बीच सीमा विवाद का मामला हिंसक रूप लेता जा रहा है। बेलगाम शहर इस विवाद के केंद्र में है। महाराष्‍ट्र लगातार दावा करता रहा है कि 1960 के दशक में राज्यों के भाषा-आधारित पुनर्गठन में यह मराठी-बहुल क्षेत्र, कन्नड़-बहुल कर्नाटक को गलत तरीके से दिया गया था।

कर्नाटक ने हाल ही में महाराष्ट्र के कुछ गांवों पर अपना दावा फिर से शुरू कर दिया है, जिससे कटुता का एक नया दौर शुरू हो गया है, जबकि दोनों राज्यों में एक ही पार्टी बीजेपी सत्ता में है। बेलगाम में कर्नाटक रक्षणा वेदिके नामक एक संगठन के विरोध प्रदर्शन के बाद महाराष्‍ट्र के नंबर वाले ट्रकों को रोका गया और उन पर काली स्‍याही लगा दी गई।  एक ट्रक पर पथराव भी किया गया।

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आज विरोध प्रदर्शन के दौरान एक ट्रक के शीशे को क्षतिग्रस्त कर दिया गया, क्योंकि बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने पारंपरिक कन्नड़/कर्नाटक झंडा लिए यातायात को बाधित कर दिया। स्थिति को शांत करने के लिए पुलिस को तैनात किया गया था, लेकिन प्रदर्शनकारी पुलिस के साथ धक्का-मुक्की करते रहे और सड़क पर लेट गए।

 

इस विरोध प्रदर्शन के कारण महाराष्ट्र के दो मंत्रियों, चंद्रकांत पाटिल और शंभुराज देसाई ने बेलगावी की अपनी निर्धारित यात्रा स्थगित कर दी। सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि इस यात्रा से कानून-व्यवस्था की चुनौती पैदा हो सकती है। महाराष्ट्र ने पाटिल और देसाई को समन्वय मंत्री नियुक्त किया है, क्योंकि विवाद फिर से उच्चतम न्यायालय में है।

बता दें, बेलगावी में लगभग एक सप्ताह पहले सीमा रेखा पर हिंसा का एक और मामला सामने आया था, एक कॉलेज उत्सव में, जब कन्नड़ झंडा लहरा रहे एक छात्र पर कुछ मराठी छात्रों द्वारा हमला किया गया था। बेलगावी के तिलकवाड़ी में मेजबान कॉलेज के शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों ने लड़ाई को रोकने के लिए हस्तक्षेप किया और पुलिस ने बाद में जांच शुरू की।

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