कर्नाटक में विधानसभा चुनावों का बिगुल बजा, लिंगायतों को बनाया जाएगा चुनावी मुद्दा

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बेंगलुरू : दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक में विधानसभा चुनावों का श्रीगणेश हो चुका है। चुनाव आयोग ने चुनाव तारीखों का एलान करते हुए कहा है कि कर्नाटक में 12 मई को वोट डाले जाएंगे, जबकि 15 मई को वोटों की गिनती होगी। चुनाव तारीखों का एलान आज मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओम प्रकाश रावत, दूसरे निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा और तीसरे निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा ने किया। आपको बता दें कि 224 सदस्यों वाली कर्नाटक विधानसभा का पांच साल का कार्यकाल 28 मई को पूरा हो रहा है।

चुनाव तारीखों की घोषणा के साथ राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर आचार संहिता लागू हो गई है। इसके साथ ही अमित शाह और राहुल गांधी ने भी अपनी कमर कस ली है। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले लिंगायत वोटरों को रिझाने की कोशिशें तेज हो गई हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद अब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह कर्नाटक पहुंचे हैं। वह अपने दो दिवसीय दौरे के पहले दिन वह तुमकुर स्थित लिंगायतों के सबसे बड़े मठ सिद्धगंगा पहुंचे। यहां उन्होंने संत श्री श्री शिवकुमार स्वामी को दंडवत प्रणाम कर आशीर्वाद लिया। स्वामी को लिंगायत समुदाय के लोग भगवान का दर्जा देते हैं। इसके बाद शाह शिवमोगा के बेक्कीनक्कल मठ भी गए।

लिंगायतों को बनाया जाएगा चुनावी मुद्दा-
दरअसल, लिंगायत मठों की यात्रा के जरिए भाजपा अध्यक्ष धर्म गुरुओं की राय जानने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पहले लिंगायत समुदाय को अल्पसंख्यक धर्म का दर्जा देने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज चुकी है। इस पर अभी तक केंद्र की ओर से राज्य सरकार को कोई जवाब नहीं मिला है। इसलिए सिद्धारमैया राज्य में लिंगायतों को चुनावी मुद्दा बना रहे हैं। इसके अलावा शाह मठों की यात्रा से यह संदेश देने की कोशिश भी कर रहे हैं कि भाजपा लिंगायतों के साथ पहले की तरह आज भी है।

क्या कर रहे: पार्टी को बूथ स्तर पर मजबूत करने की रणनीति
शाह दो दिन में बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं के अलावा सामाजिक संगठनों से भी मुलाकात करेंगे। वह व्यापारियों और विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधिमंडलों से भी मिलेंगे। वह पार्टी की राज्य में रणनीतियों को अंतिम रूप देकर चुनाव अभियान को तेज करेंगे। मकसद राज्य में बूथ संगठन को मजबूत करना है।

शाह वहां जा रहे, जिन मठों ने सिद्धारमैया का समर्थन किया
अमित शाह दावणगेरे व चित्रदुर्गा जिलों में भी लिंगायत और दलित मठों में जाएंगे। चित्रदुर्गा में मौजूद मुरुगा मठ करीब 300 साल पहले बना था। ये मध्य कर्नाटक का सबसे बडा लिंगायत मठ है। ये सभी वो आध्यात्मिक संस्थान हैं, जिन्होंने लिंगायतों को अलग धर्म का दर्जा देने के सिद्धरामैया सरकार के फैसले का समर्थन किया है। ऐसे में भाजपा को डर है कि इन मठों के अनुयायी पार्टी से दूर हो सकते हैं। इस वजह से खुद शाह ने इन मठों के प्रमुखों से मिलने का फैसला किया है।

कर्नाटक विधानसभा का गणित-

कुल सीटें: 224 बहुमत: 113 वोटर: 4.90 करोड़

किस जाति का कितना दबदबा-

दलित: 19% मुस्लिम: 16% ओबीसी: 16% लिंगायत: 17% वोक्कालिगा: 11% अन्य: 21%


क्यों है बीजेपी का फोकस लिंगायत-
कर्नाटक विधानसभा में 224 सीटे हैं। इनमें से करीब 100 सीटों पर लिंगायत वोटरों का प्रभाव है। 55 मौजूदा विधायक इसी समुदाय से आते हैं। इसीलिए पार्टियां लिंगायत वोटरों पर फोकस कर रही हैं। हालांकि, 2013 में कांगेस ने लिंगायतों को अलग धर्म का दर्जा देने की मांग को खारिज कर दिया था।

कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक-
कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार कर्नाटक में लिंगायत-वीरशैव समुदाय को अपने पाले में लाने के लिए उन्हें धार्मिक अल्पसं‍ख्यक का दर्जा देने के प्रस्ताव लाई थी। जिसे राज्य कैबिनेट मंजूरी भी दे चुकी है। इसे सीएम सिद्धारमैया का विधानसभा चुनाव से पहले मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है, क्योंकि राज्य में करीब 17% लिंगायत वोटर हैं। उन्हें भाजपा का परंपरागत वोटर माना जाता रहा है। भाजपा के सीएम उम्मीदवार वीएस येदियुरप्पा भी इसी समुदाय से आते हैं।

राज्य का समीकरण क्या कहता है-
राज्य में करीब 87% वोटर हिंदू हैं। इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह यहां मंदिरों और मठों के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। राहुल चार बार कर्नाटक आ चुके हैं। वह 15 मंदिरों में दर्शन कर चुके हैं। उन्होंने दौरे की शुरुआत लिंगायत मंदिर हुलीगेमा से की थी।

बीजेपी ट्वीट से खड़ा हुआ विवाद-
हैरानी की बात ये है कि चुनाव आयोग के एलान से पहले ही बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया। अमित मालवीय टिवटर पर लिखा- 12 मई को वोट डाले जाएंगे और 18 मई को मतगणना होगी. अमित मालवीय आंशिक तौर पर सही साबित हुए। चुनाव आयोग ने 12 मई को वोटिंग और 15 मई को मतगणना का एलान किया। जानकारी लीक होने को लेकर चुनाव आयोग ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है। चुनाव आयोग के इस बयान के बाद अमित मालवीय ने अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया है।

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