कई हफ्तों से अंदर ही अंदर सुलग रहा था कानपुर, जानें मास्टरमांइड हयात जफर ने कैसी रची पूरी साजिश

हयात जफर हाशमी ने ही सोशल मीडिया के जरिए भीड़ को एकत्रित किया था। वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहता है, पहले भी कई बार लोगों को उपद्रव मचाने के लिए उकसा चुका।

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उत्तर प्रदेश: कानपुर (kanpur violence) के बेकनगंज में हुई हिंसा से जुड़ा एक नया CCTV फुटेज सामने आया है। वीडियो के शुरुआती 15 सेकंड में भीड़ चौराहे पर इकट्ठा होती नजर आ रही है। इसमें से दो लड़के हाथों में पत्थर लेकर फेंकते हैं और फिर से पीछे जाकर छिप जाते हैं। 5 मिनट 39 सेकंड के इस फुटेज में लोग पत्थरबाजी करते नजर आ रहे हैं। पुलिस इस वीडियो में दिख रहे लोगों की पहचान करने में जुटी है। पुलिस कमिश्नर विजय मीणा ने कहा है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

विजय सिंह मीणा ने बताया कि उपद्रवियों के खिलाफ धार्मिक उन्माद फैलाने, बलवा, जानलेवा हमला करने, हिंसा फैलाने जैसी धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। उपद्रवियों की पहचान के लिए वायरल वीडियो और CCTV फुटेज की मदद ली जा रही है।

कई हफ्तों से अंदर ही अंदर सुलग रहा था कानपुर

नौ दिन पहले यानी 26 मई को एक न्यूज चैनल पर ज्ञानवापी मामले को लेकर डिबेट हो रही थी। इसमें भाजपा नेता नूपुर शर्मा भी मौजूद थीं। डिबेट के सवाल पर नूपुर ने पैगंबर मोहम्मद पर एक बयान दिया। नूपुर शर्मा के इस बयान पर कई मुस्लिम संगठनों ने नाराजगी जताई।

27 मई को मौलाना मोहम्मद अली जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी ने बाजार बंद का आह्वान किया। नूपुर के बयान पर कानपुर में पोस्टर लगाए गए। 28 मई को हयात की तरफ से 3 मई को जेल भरो आंदोलन का आह्वान किया गया।

29 मई को मुस्लिम इलाके के हजारों लोगों ने हयात को अपना समर्थन दिया। 30 मई को हयात ने मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ बैठक की। 1 जून को हयात ने 5 जून तक बंदी और जेल भरो आंदोलन टाल दिया, लेकिन बाजार में लगे 3 जून के बंदी के पोस्टर नहीं हटाए गए।

2 जून को बेकनगंज इलाके में फिर दुकानों को बंद करने की अपील की गई। मस्जिदों में हुई तकरीरों में कहा गया कि वो लोग पैगंबर मोहम्मद पर की गई किसी भी टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

3 जून को सुबह से ही बेकनगंज में असहज करने वाला सन्नाटा था। इलाके में ज्यादातर दुकानें मुस्लिम समुदाय के लोगों की थी। जो बंद रखी गई थीं, लेकिन यतीमखाना के पास के बाजार में कुछ हिंदू दुकानदारों ने दुकानें खोली थीं।

दोपहर 1:45 बजे यतीमखाना के पास की मस्जिद में जुमे की नमाज अदा की गई। 2.30 बजे के करीब नमाज के बाद लोग बाहर निकले और सीधे बाजार में खुली हुई दुकानों को जबर्दस्ती बंद कराने लगे।

हिंदू दुकानदारों ने दुकाने बंद करने से मना किया, तो लोगों के बीच शामिल कुछ अराजक तत्वों ने सबसे पहले चंद्रेश के हाता में घुसकर पथराव शुरू कर दिया। जिसके बाद पूरे इलाके का माहौल बिगड़ गया। इसी बीच भीड़ में शामिल कुछ शरारती तत्वों ने तमंचों से फायर किए। इसके बाद हिंसा ने उग्र रूप ले लिया।

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कौन है कानपुर हिंसा का मास्टरमाइंड-
कानपुर उपद्रव के बाद घटना के मास्टरमांइड बताए जा रहे एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी की तलाश की जा रही है। बताया जा रहा है कि हाशमी ने ही सोशल मीडिया के जरिए भीड़ को एकत्रित किया था। वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहता है, पहले भी कई बार लोगों को उपद्रव मचाने के लिए उकसा चुका। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, वह सीएए और एनआरसी के विरोध प्रदर्शन के दौरान भी वह काफी सक्रिय रहा था।

जानकारी के अनुसार, हयात जफर हाशमी पिछले कुछ सालों विभिन्न गतिविधियों में शामिल रहा है। और उसने कई अवैध संपत्तियां हासिल की हैं। हाशमी पर कई केस हैं हाशमी पर आरोप तो ये भी है कि उसने एक पारिवारिक मामले में अपनी बहन और मां को उकसाया था, जिसके बाद दोनों ने कानपुर डीएम ऑफिस के बाहर आग लगा ली थी और इस हादसे में दोनों की मौत हो गई थी।

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