कादीसहना बना हॉट स्पाट फिर भी नीम हकीम धड़ल्ले से कर रहा है उपचार

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पॉजिटिव केस के ड्रिप भी लगायी, चिकित्सा विभाग कार्रवाई करें

शाहपुरा-शाहपुरा पंचायत समिति के कादीसहना में प्रवासी लोगों के आने के बाद कोरोना हॉट स्पाट बनने की संभावना के बीच दो मासूम बच्चों के पॉजिटिव आने की सूचना से ग्रामीण दहशत में है। ग्रामीण इस बात को लेकर भी ज्यादा दहशत में है कि वहां पिछले काफी समय से उपचार कर रहे बूंदी जिले के एक आयुर्वेद नर्सिंग स्टाफ द्वारा इन बच्चों का एलोपेथी का उपचार भी किया गया है।
कादीसहना में यह आयुर्वेद नर्सिंग स्टाफ बिना किसी लाइ्रसेंस व चिकित्सा विभाग की गाइड लाइन के लंबे समय से प्रेक्टिस कर रहा है, इसके यहां दिन भर भीड़ भी लगी रहती है। प्रवासी लोगों के अलावा स्थानीय लोगों ने भी इससे उपचार कराया है। कोरोना संक्रमण काल में जब इस गांव में बार बार चिकित्सा विभाग के कार्मिकों ने विजिट किया तो भी उनकी कोई नजर इस पर नहीं पड़ी है या नजर पड़ी तो कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
ग्रामीण बताते है कि आयुर्वेद नर्सिंग स्टाफ से कल पॉजिटिव आये बच्चों का उपचार कराया गया था इस कारण यह आयुर्वेद नर्सिंग स्टाफ भी पॉजिटिव का कांटेक्ट हिस्ट्री ट्रेवलर तो हो गया। अब सवाल यह उठता है कि ऐसा हो गया तो कादीसहना में तुंरत प्रभाव से डोर टू डोर सर्वे कराया जाना चाहिए क्यों वहां से उपचार कराने वालों का कोई रिकार्ड है नहीं।
सर्तकता बरतते हुए चिकित्सा विभाग को अविलंब कादीसहना के इस नीम हकीम की दुकान को सीज कर उसका स्वयं का सेंपल तो कराया ही जाना चाहिए। इस नीम हकीम को लेकर भी गांव में दो गुट बन चुके है। एक गुट आयुर्वेद नर्सिंग स्टाफ की सेवाएं चालू रखना चाहता है पर दूसरा गुट हॉट स्पाट बनने से रोकने के लिए इसकी दुकान को सीज कराने पर आमादा है।
अब कार्रवाई तो चिकित्सा विभाग को करना है। चिकित्सा विभाग को चाहिए इस आयुर्वेद नर्सिंग स्टाफ के कथित क्लिनिक की भी जांच करनी चाहिए क्या यह नियमों से चल रहा है या इसका संचालन ही गैरकानूनी हो रहा है। गैरकानूनी है तो फिर तत्काल विभाग को क्लिनिक सीज कर कार्रवाई करनी चाहिए। कोरोना काल में ही नीम हकीम वो भी आयुर्वेद का नर्सिंग स्टाफ एलोपथी चिकित्सा पद्वति से गैर कानूनी तरीके से उपचार करता है तो कार्रवाई तो की जानी चाहिए।
ग्रामीणों का एक गुट इस मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर आज जिला प्रशासन तक पहुंच रहा है। यह वहां पर चिकित्सा व प्रशासन के आला अधिकारियों को शिकायत दर्ज कराने के साथ शाहपुरा के प्रशासन की पोल खोलेगा कि आखिर कादीसहना में नीम हकीम किस हैसीयत से उपचार कर रहा है। यहां भी सामने आया है कि इस नीम हकीम को बचाने के लिए कांग्रेस के ही कुछ नेता उसके समर्थन में अधिकारियों पर दबाव बनाये हुए है।

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