-प्रतिरोध दिवस मना कर जताया विरोध
हनुमानगढ़। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ द्वारा गुरुवार को मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को पुरानी पेंशन योजना बहाली महंगाई भत्ते के एरियर की किस्त जारी करने एवं न्यूनतम मानदेय 18000 रुपये प्रतिमाह करने की मांग के समर्थन में जिलाध्यक्ष चंद्रभान ज्याणी के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि राज्य सरकार के अधीन कार्यरत सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता एरियर जनवरी 2020 से रुका हुआ है। वर्ष 2004 के बाद नियुक्त राज्य कर्मचारियों को नवीन पेंशन योजना के अन्तर्गत रखा गया है, जिससे कर्मचारियों की वृद्धावस्था में जीवन सुरक्षा की गारंटी समाप्त हो गई है। राज्य सरकार के अधीन संचालित राजकीय विभागों एवं उपक्रमों के अन्तर्गत अस्थाई, संविदा समेकित वेतन एवं मानदेय के आधार पर कार्यरत कार्मिकों को अकुशल श्रमिक से भी कम मानदेय मिल रहा है, जो अन्यायपूर्ण है। राज्य सरकार द्वारा अनियंत्रित रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण किया जा रहा है, जिससे राज्य में आर्थिक व सामाजिक ताना-बाना विखण्डित हो रहा है। अखिल भारतीय सरकारी राज्य कर्मचारी महासंघ के आव्हान पर गुरुवार को सम्पूर्ण राष्ट्र में प्रतिरोध दिवस के रूप में मना कर जरिए मांग पत्र सौंपा है। मांग पत्र में मुख्य मांगो में राज्य कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल की करने, अस्थायी व्यवस्था के अन्तर्गत (संविदा समेकित वेतन, मानदेय) कार्यरत कर्मचारियों को न्यूनतम रुपये 18000/- मासिक करने, राज्य सरकार द्वारा माह जनवरी 2020 से महंगाई भत्ते की रोकी गई किश्तों के एरियर का शीघ्र भुगतान किया करने, कोरोना महामारी से मरने वाले कार्मिकों के परिजनों को 50 लाख रुपये अनुग्रह राशि तत्काल दिलाई जाए, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण बंद किया जावे एवं ठेका प्रथा समाप्त करने की मांग की। इस मौके पर चंद्रभान ज्याणी, आदराम मटोरिया, देवीलाल बालान, देवीलाल छिंपा, तरसेम सिंह बराड़, गिरदावर, जगदीश दूधवाला, परमानबेनिवाल पवन शर्मा, सुशील बिश्नोई, गोरी शंकर झोरङ कृषि पर्यवेक्षक, नरेश शर्मा जिला अध्यक्ष ग्राम विकास अधिकारी संघ मौजूद थे।
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