नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने तीन साल बाद, भारत विरोधी नारे लगाने के आरोप में जेएनयू (JNU) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) समेत 10 लोगों के खिलाफ सोमवार को चार्जशीट दाखिल की। ये चार्जशीट सेक्शन-124 A,323,465,471,143,149,147,120B के तहत पेश की गई है।
चार्जशीट में कुल 10 मुख्य आरोपी बनाए हैं जिसमें कन्हैया कुमार,उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य हैं। चार्जशीट में मुख्य आरोपी कन्हैया कुमार, अनिर्बान भट्टाचार्य, उमर खालिद, सात कश्मीर छात्र और 36 अन्य लोग हैं। पुलिस ने उन पर राजद्रोह का आरोप लगाया है। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल इस 1200 पन्नों की चार्जशीट पर मंगलवार को सुनवाई होनी थी लेकिन मजिस्ट्रेट दीपक सेहरावत छुट्टी पर हैं। इसके चलते मामले की सुनवाई 19 जनवरी तक टाल दी गई है।
गवाहों के हवाले से चार्जशीट में बताया गया है कि कन्हैया कुमार ने भी देश विरोधी नारे लगाए थे। पुलिस को कन्हैया का भाषण देते हुए एक वीडियो भी मिला है। इसके साथ ही कहा गया है कि कन्हैया को पूरे कार्यक्रम की पहले से जानकारी थी। चार्जशीट में जिन सात कश्मीरी छात्रों के नाम हैं, उनसे पूछताछ हो चुकी है।
किसनी की शिकायत-
बीजेपी सांसद महेश गिरी और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की शिकायत पर वसंत कुंज (उत्तर) पुलिस थाने में 11 फरवरी 2016 को अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए तथा 120बी के तहत एक मामला दर्ज किया गया था।
किन-किन धाराओं के तहत लगाए गए हैं आरोप
कन्हैया, उमर खालिद और अनिर्बन समेत 10 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (राजद्रोह), 323 (किसी को चोट पहुंचाने के लिए सजा), 465 (जालसाजी के लिए सजा), 471 (फर्जी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को वास्तविक के तौर पर इस्तेमाल करना), 143 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र समूह का सदस्य होने के लिए सजा), 149 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र समूह का सदस्य होना), 147 (दंगा फैलाने के लिए सजा) और 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
आरोप सिद्ध होने पर कितने साल की होगी सजा
जेएनयू राजद्रोह मामले में आरोपपत्र का संज्ञान लेना या नहीं लेना मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पर निर्भर करेगा। राजद्रोह के लिए अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।
क्या मतलब है कॉलम नम्बर-11 और 12 का
कन्हैया कुमार,उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य और 7 कश्मीरी छात्रों के नाम कॉलम नंबर 11 में रखे गए हैं। कॉलम नंबर 11 का मतलब ये होता है कि इन आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं और इन पर केस चलाया जा सकता है। बाकी 36 लोगों के नाम कॉलम नंबर 12 में रखा गया है जिनमें डी राजा की बेटी अपराजिता और शहला राशिद भी शामिल हैं।
कॉलम नंबर 12 का मतलब ये हैं कि ये आरोपी तो हैं लेकिन जांच में पुलिस को इनके खिलाफ सबूत नहीं मिले। कोर्ट चाहे तो इन्हें समन कर सकता है। देशद्रोह,दंगा भड़काना, अवैध तरीके से इकठ्ठा होना और साज़िश के आरोप में पेश होगी चार्जशीट। कुल 46 आरोपी हैं।
क्या बोले कन्हैया कुमार
कन्हैया कुमार ने आरोप पत्र को ‘राजनीति से प्रेरित’ बताते हुए लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले इसे दायर किए जाने पर इसके समय को लेकर सवाल उठाया. कुमार ने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे कोई समन या अदालत से कोई सूचना नहीं मिली है. लेकिन अगर यह सही है तो हम पुलिस और प्रधानमंत्री मोदी के शुक्रगुजार हैं कि आखिरकार तीन साल बाद जब उनके और उनकी सरकार के जाने का वक्त आ गया है तो आरोपपत्र दायर किया गया है। लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आरोपपत्र का दायर किया जाना प्रासंगिक है।’
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