ऩई दिल्ली: जेएनयू के छात्र कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अन्य छात्रों के खिलाफ देशद्रोह के मामले में कुछ रिपोर्ट्स आई थीं कि दिल्ली पुलिस को उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं। रिपोर्ट में कहा गया था कि यह जानकारी पुलिस द्वारा बनाई गई चार्जशीट से सामने आई है। अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमीश्नर दीपेंद्र पाठक के हवाले से लिखा है, ‘इस मामले में पुलिस द्वारा दायर की गई चार्जशीट की रिपोर्ट केवल कल्पना मात्र हैं। केस की अभी भी जांच की जा रही है।
यह एक संवेदनशील मामला है, इसलिए हम लोगों से अपील करते हैं इसको लेकर कोई अंदाजा ना लगाया जाए। अभी केस की जांच पूरी नहीं हुई। हालांकि, चार्जशीट दायर की जाएगी, लेकिन अभी नहीं।’ मामला पिछले साल एक पुलिस अधिकारी की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था, पुलिस अधिकारी ने एक वीडियो क्लीप देखने के बाद शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसमें छात्र जेएनयू में राष्ट्र-विरोधी नारे लगा रहे थे।
रिपोर्ट में साथ ही लिखा गया है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता मामले की जांच में देरी करने के लिए दिल्ली पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। मामला दर्ज होने के बाद कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बाण भट्टाचार्य को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, इसके बाद इन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। वहीं पुलिस सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में लिखा गया है कि पिछले एक साल में पुलिस ने उस इवेंट की वीडियो को सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लैब में जांच के लिए भेजा है।
9 फरवरी 2016 को जेएनयू में जब राष्ट्रविरोधी नारे गए थे, उस वीडियो में कन्हैया कुमार नहीं दिख रहे हैं। लेकिन उमर खालिद उन छात्रों को नेतृत्व करते दिख रहे हैं, जो राष्ट्र विरोध नारे लगा रहे थे। सूत्रों ने साथ ही बताया कि लैब ने इन वीडियो के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ से इनकार किया है।
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