कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मांग पर राज्य सचिवालय के पास स्थित टोल प्लाजा से आर्मी को हटा लिया गया है। गुरुवार देर रात जब कुछ पत्रकार हुगली नदी पर बने दूसरे पुल पर स्थित टोल प्लाजा का जायजा लिया तो उन्हें आर्मी का एक भी जवान नहीं मिला। यहां तक कि आर्मी का टेंपररी शेड भी हटाया जा चुका था। वहीं, शुक्रवार सुबह 7 बजे तक की खबरों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सचिवालय में ही रूकी हुई हैं। उन्होंने सेना की तैनाती को असंवैधानिक बताते हुए राष्ट्रपति से केंद्र सरकार की शिकायत करने का मन बनाया है।
ममता ने यह आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार को सूचित किए बगैर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) संख्या दो पर पलसित और दनकुनी के दो टोल प्लाजा पर सेना तैनात की गई है जो ‘अभूतपूर्व और गंभीर मुद्दा है।’ उन्होंने राज्य सचिवालय में ही डेरा डाल लिया। उनका कहना है कि जब तक इसके सामने स्थित टोल प्लाजा से सेना नहीं हटाई जाती, वह तब तक वहां से नहीं हटेंगी । ममता ने कहा, ‘राज्य सरकार को सूचित किए बगैर दो टोल प्लाजा पर सेना तैनात की गयी है। यह बहुत गंभीर स्थिति है, आपातकाल से भी खराब।’
वहीं, पश्चिम बंगाल पुलिस ने भी दो ट्वीट कर दावा किया कि राज्य सरकार के सहमति लिए बिना पश्चिम बंगाल के करीब-करीब सभी इलाकों में सेना तैनात कर दी गई है।
रक्षा प्रवक्ता ने कहा था कि लोड कैरियर्स के बारे में आंकड़े हासिल करने के लिए सेना द्वारा देशभर में किए जाने वाले द्विवार्षिक अभ्यास को लेकर चिंतित होने की कोई वजह नहीं है। हालांकि, ममता ने कहा था, ‘‘ उनका इरादा राजनीतिक, असंवैधानिक, बदले की भावना, अनैतिक, अलोकतांत्रिक है। मैंने निर्णय किया है कि जब तक सेना को इस सचिवालय के सामने से नहीं हटाया जाता है, मैं यहां से नहीं जाउंगी। मैं आज रात यहां ठहरूंगी। क्या इस देश में सेना द्वारा तख्ता पलट किया जा रहा है?’’