भारतीय रेलवे एक ऐसा नया एप बना रहा है जो कि ट्रेनों के आने, जाने, लेट होने, रद्द होने, प्लेटफॉर्म नंबर, रनिंग स्टेटस और सीट उपलब्धता के बारे में पूरी जानकारी देगा। इसके अलावा इससे टैक्सी, लाने ले जाने की सुविधा, रिटायरिंग रूम, होटल, टूर पैकेज, ई कैटरिंग और यात्रा से जुड़ी अन्य जरूरतों को भी पूरा किया जा सकता है।
इस एप को जून माह में लॉन्च किया जा सकता है। मिली जानकारी के अनुसार इस एप का नाम हिंदरेल रखा जाएगा। इस मेगा एप में रेलवे के अभी तक के सारे एप शामिल किए जाएंगे। रेलवे ये सारी सुविधाएं सेवा प्रदाताओं के साथ राजस्व साझाकरण मॉडल के तौर पर उपलब्ध कराएगा।
वर्तमान में भारतीय रेलवे कई ऐसे एप चला रही है जो विभिन्न प्रकार की सेवाएं देती हैं। इसमें सीएमएस एप फॉर कम्पेन मैनेजमेंट सिस्टम शामिल हैं। इस एप के नाम के बारे में पूछे जाने पर जमशेद ने कहा,‘‘हमें उसे एक उचित नाम देना है लेकिन उस पर निर्णय नहीं हुआ है।’’
रेलवे एसी कोचों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए लंबी दूरी की ट्रेनों में 3 एसी कोचों की संख्या बढ़ाएगा। आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले वर्ष 16.69 फीसदी के मुकाबले इस वर्ष यात्रियों की भागीदारी 17.15 फीसदी होने से 3 एसी की मांग बढ़ रही है। पिछले वर्ष एक अप्रैल 2016 से दस मार्च 2017 के बीच यात्रियों से होने वाली आय भी 32.60 फीसदी से बढ़कर 33.65 फीसदी हो गई। स्लीपर क्लास से इस अवधि में 59.78 फीसदी यात्रियों ने यात्रा की और यात्री भाड़े से होने वाली आमदनी में 44.78 फीसदी का योगदान किया।
पिछले वर्ष स्लीपर क्लास ने 60 फीसदी यात्रियों को सफर कराया और इससे उसे 45.94 फीसदी की आमदनी हुई। स्लीपर क्लास की मांग में अब कमी का चलन देखा जा रहा है क्योंकि अधिक यात्री 3 एसी को अपना रहे हैं। रेलवे मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि कुछ लंबी दूरी की ट्रेनों में धीरे धीरे 3 एसी कोचों की संख्या को बढ़ाने का फैसला किया है।
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