संवाददाता भीलवाड़ा। राज्य सरकार की मुख्यमंत्राी लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के तहत नए उद्यम लगाने या स्थापित उद्यम के विस्तार व आधुनिकीकरण के लिए ब्याज अनुदान युक्त ऋण प्राप्त किया जा सकता है। योजना के तहत पात्रा व्यक्ति स्वयं का उद्यम स्थापित करने के साथ ही अन्य को रोजगार उपलब्ध करवाने में सक्षम हो सकते हैं।
जिला उद्योग केंद्र महाप्रबंधक विपुल जानी ने बताया कि 17 दिसम्बर 2019 से प्रारम्भ की गई उक्त योजना हेतु पात्रा व्यक्ति व संस्थाएं आवेदन कर सकती हैं। व्यक्तिगत आवेदकों की न्यूनतम आयु 18 वर्ष हो तथा वे स्वयं सहायता समूह, सोसायटी, पार्टनरशिप फर्म, एलएलपी फर्म, कम्पनी किसी कानून या नियम के तहत पंजीकृत हों । आवेदक या उसके परिवार ने विगत 5 वर्षो में केन्द्र या राज्य सरकार की रोजगार मूलक अनुदान योजना का लाभ नहीं उठाया हो। आवेदक या उसके परिवार का कोई सदस्य बैंक डिफाल्टर न हो ।
उन्होने बताया कि स्वयं सहायता समूह व सोसाइटी के अलावा संस्थागत आवेदकों के लिए आवश्यक है कि उसके सभी सदस्य राजस्थान राज्य के निवासी होने चाहिए । संस्था, समूह किसी बैंक द्वारा डिफाल्टर न हो तथा इसके गठन को एक वर्ष हो गया हो। संस्था, समूह से सम्बधित समस्त सूचनाएं राज्य सरकार के पोर्टल पर उपलब्ध हों। सहकारी संस्थाओं के लेखों को नियमित अंकेक्षण हो और वह उत्पादक गतिविधियों में संलग्न हो। पात्रा आवेदक सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ आॅनलाइन या ई-मित्रा के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
इतनी राशि तक मिल सकता है ब्याज अनुदान युक्त ऋणः
जानी ने बताया कि विनिर्माण क्षेत्रा व सेवा क्षेत्रा में 10 करोड़ रू. तक के प्रोजेक्ट पर व व्यापार हेतु 1 करोड़ तक के प्रोजेक्ट पर ब्याज अनुदान युक्त ऋण प्राप्त किया जा सकता है। अधिकतम 25 लाख रू. तक के ऋण पर 8 प्रतिशत ब्याज अनुदान देय है। 25 लाख रू. से 5 करोड़ तक के ऋण पर 6 प्रतिशत ब्याज अनुदान मिलता है। 5 करोड़ से 10 करोड़ तक के ऋण पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाता है। साथ ही योजनान्तर्गत बुनकर कार्ड धारक बुनकरों को 1 लाख रू. तक के ऋण पर ब्याज का शतप्रतिशत पुनर्भरण अनुदान के रूप में किया जाता है।
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