सप्तम पोषण पखवाड़े के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों पर महिलाओं को दी गई कुपोषण प्रबंधन की जानकारी

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हनुमानगढ़। सप्तम पोषण पखवाड़ा 2025 के अंतर्गत शुक्रवार को वार्ड नंबर 37 ए, बी व 39 स्थित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कुपोषण प्रबंधन विषय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में महिला पर्यवेक्षक मधु महाजन ने उपस्थित महिलाओं को अम्मा कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी तथा बच्चों के पोषण स्तर की पहचान और देखभाल के महत्व पर जोर दिया।
मधु महाजन ने बताया कि किसी भी बच्चे के समुचित विकास के लिए उसका वजन और लंबाई का नियमित रूप से मापना अत्यंत आवश्यक है। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर उपलब्ध ग्रोथ चार्ट के माध्यम से बच्चों के शारीरिक विकास की स्थिति का आंकलन किया जाता है। साथ ही ममता कार्ड में तीन वर्ष तक के बच्चों की वजन वृद्धि और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी अंकित की जाती है।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने महिलाओं को यह समझाया कि ग्रोथ चार्ट में विभिन्न रंगों द्वारा बच्चों के पोषण स्तर को कैसे चिन्हित किया जाता है। लाल और नारंगी रंग उन बच्चों को दर्शाते हैं जो अति कुपोषण की श्रेणी में आते हैं और जिनकी विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। पीले रंग का अर्थ है कि बच्चा सामान्य रूप से कुपोषित है, यानी उसका विकास अपेक्षा से धीमा है। वहीं, हरे रंग में आने वाले बच्चों को स्वस्थ व सामान्य श्रेणी में रखा जाता है।
मधु महाजन ने यह भी बताया कि बच्चों को सही पोषण देने के लिए माता-पिता को जागरूक होना बेहद जरूरी है। संतुलित आहार, स्वच्छता और नियमित जांच के माध्यम से बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सकता है।
इस कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरोज, शारदा, दीपिका तथा सहायिकाएं जसपाल कौर, सपना और शांति सहित बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित रहीं। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने बच्चों के पोषण स्तर से संबंधित सवाल भी पूछे, जिनका महिला पर्यवेक्षक द्वारा सरल भाषा में उत्तर देकर समाधान किया गया।

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