भारतीय संस्कृति ने वृक्षों में भी देवत्व को स्वीकार किया- राणावत

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संवाददाता भीलवाड़ा। भारतीय संस्कृति ने वृक्षों में भी देवत्व को स्वीकार किया है और इसीलिए भारतीय संस्कृति में वृक्षों की पूजा की जाती है । वृक्ष हमें फल, फूल, छाया आदि देते हैं । आज धरती पर हो रही वनों की अंधाधुंध कटाई से पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है और उसका प्रभाव मनुष्य पर भी देखने को मिल रहा है ऐसे में धरती को बचाने के लिए हमें अधिक से अधिक संख्या में पेड़ लगाने चाहिए । यह बात राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय शंभूपुरा द्वारा आयोजित वृक्षारोपण अभियान के उपलक्ष पर बोलते हुए तहनाल सरपंच गोविंद कंवर ने कहीं । पूर्व सरपंच तुलसी देवी कुमावत ने कहा है कि वृक्ष साक्षात परमात्मा का रूप है इसलिए हमें वृक्षों की अच्छी तरह से देखभाल करनी चाहिए । तहनाल पीईईओ उषा कच्छावा ने कहां की पेड़ हमारी प्रगति की पहचान है । पेड़ हमें ऑक्सीजन देते हैं और इस कोरोना काल में सबसे अधिक आवश्यकता ऑक्सीजन की रही ऐसे में आने वाले समय में अगर वृक्षारोपण अभियान की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो और भी परिस्थितियां विकट होने वाली है । इसलिए अधिक से अधिक संख्या में हमें पेड़ लगाने चाहिए । प्रधानाध्यापक शंकर लाल जाट ने बताया कि विद्यालय को हरा भरा बनाने एवं लोगों में वृक्षारोपण अभियान के प्रति जागरूकता लाने के लिए स्थानीय विद्यालय में इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया । कार्यक्रम में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय तहनाल के सहायक प्रधानाचार्य शांति प्रकाश घूसर, वार्ड पंच सीताराम कुमावत, प्रधानाध्यापक रूपपुरा विनय चौधरी, बालिका रूपपुरा निर्मला व्यास, नया तालाब हंसराज झाला, अध्यापक परमेश्वर प्रसाद कुमावत, वीरेंद्र सिंह, सीताराम चौधरी, पवन कुमार छिपा, भगवान लाल गोस्वामी, अध्यापिका इंदु बाला, एसएमसी अध्यक्ष देवीलाल कुमावत, शारीरिक शिक्षक घनश्याम सिंह राणावत, परमेश्वर कुमावत, मदन लाल नायक, छाई लाल कुमावत, कमलेश कुमावत, हनुमान कुमावत, हरलाल नायक, लक्ष्मी नारायण कुमावत, सांवर लाल कुमावत आदि ग्रामवासी उपस्थित थे।

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